Move to Jagran APP

उड़न सिख ने पाकिस्तान को घर में घुसकर चटाई थी धूल

भारत के भाग्यविद्याता कॉलम के लिए.. -मिल्खा सिंह बोले : पाक में हारता, तो पूरा देश हारता, ज

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 07:43 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 07:43 AM (IST)
उड़न सिख ने पाकिस्तान को घर में घुसकर चटाई थी धूल
उड़न सिख ने पाकिस्तान को घर में घुसकर चटाई थी धूल

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : साल 1958 एशियन गेम्स में 200 मीटर की रेस 21.6 सेकेंड और 400 मीटर की रेस 46.6 सेकेंड में खत्म कर पूरी दुनिया के सामने हीरो की तरह उभरे मिल्खा सिंह बताते हैं कि उन्होंने गुलामी और देश के बंटवारे का दर्द झेला है। यही वजह है कि जब वे 1960 में पाकिस्तान दौड़ने गए, तो उनके मन में यही था कि यह प्रतियोगिता नहीं, युद्ध का मैदान है और मैं हारा तो मेरा देश हार जाएगा। मैंने जीत हासिल की और अकेले पूरे पाकिस्तान को हराकर तिरंगे की शान को बढ़ाया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने मुझे बुलाकर कहा कि मिल्खा आज तुम दौड़े होते तो यकीनन हार जाते, लेकिन आज तुम उड़े हो। यह सब देशप्रेम ही था, जो मैं कर पाया। अभी भी मैं युवाओं को प्रेरित करने के लिए लगातार सफर करता रहता हूं, मेरी उम्र इसकी इजाजत नहीं देती, लेकिन फिर भी कोशिश करता हूं कि देश ने मुझे इतना कुछ दिया है कि मैं सेवा करता रहूं। आज पूरी दुनिया में भारत को देखा जाता है सम्मान से

loksabha election banner

पद्मश्री मिल्खा सिंह ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारतीय को सम्मान की नजर से देखा जाता है, जब भी आप किसी दूसरे देश के नागरिक को बताते हैं कि आप भारतीय हैं, तो सामने वाला व्यक्ति आपको सम्मान की नजर से देखता है। दुनियाभर की बड़ी-बड़ी वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं, अस्पताल, कंपनिया भारतीय लोगों की बदौलत चल रही हैं। यह सब सम्मान भारतीयों ने पिछले 71 सालों में पाया है, इससे पहले ऐसा नहीं था। विदेशी भारतीय लोगों के प्रति ऐसी भावना नहीं रखते थे। मैंने इस मुल्क को आजादी से पहले भी देखा और बाद में भी। जितनी भी सरकारें आई, उनके कामकाज को भी देखा, मैं अपने कामकाज और प्रशसकों के लिए दुनियाभर में जाता रहता हूं, इस दौरान मैंने देखा है कि लोगों का नजरिया कैसे भारतीयों के प्रति बदला है। हिमा दास के कोच को फोन कर दिए टिप्स

आज देश में बेहतर खेल सुविधाएं हैं, हमारे जमाने में इतने अच्छे खेल मैदान तो दूर, खेल मंत्री तक नहीं होता था। इसलिए अब देश से बेहतर की उम्मीद की जा सकती है। हिमा दास से टोक्यो 2020 ओलंपिक में मेडल की उम्मीद की जा सकती है। मैं खुद 400 मीटर रेस का धावक रहा हूं, इसलिए मैंने हिमा दास के कोच को फोन कर टिप्स दिए हैं। इसके अलावा भविष्य में भी मैं उनसे बातचीत करता रहूंगा। इमरान खान को भी चिट्ठी लिखकर दी बधाई

मिल्खा सिंह ने बताया कि 10 साल पहले वे श्री ननकाना साहिब में माथा टेकने के लिए पाकिस्तान गए थे, उस दौरान उन्होंने कई लोगों से बातचीत की थी। तो पता चला कि पाकिस्तान के हालात भी 1947 जैसे ही हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी बुरे हैं। खुशी की बात यह है कि इमरान खान को पाकिस्तान की जनता ने सेवा का मौका दिया। इमरान अच्छे खिलाड़ी होने के साथ अच्छे इंसान भी हैं। मुझे उम्मीद है कि उनके आने के बाद बॉर्डर पर तल्खी कम होगी। मैंने उन्हें चिट्ठी लिखकर मुबारकबाद दी है। शहीदों की कुबार्नी को समझें युवा

स्वतंत्रता दिवस पर बधाई देते हुए मिल्खा सिंह ने कहा कि हमें शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह और नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे शहीदों की कुर्बानी को कभी नहीं भुलाना चाहिए। इस जीवन पर देश का पहला हक है। युवा इसे ड्रग्स लेकर बर्बाद न करें। रोजाना दौड़ें, इससे आपका शरीर और मन स्वस्थ रहेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.