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प्लास्टिक वेस्ट में बड़ा हिस्सा दूध के खाली पैकेट, कांच की बाेतल या मशीन से दूध सप्लाई की मांग

समाज सेवी संस्था समस्या समाधान की टीम ने नगर निगम कमिश्नर को अपने सुझाव भेजे और प्रमुख समस्या दूध के पैकेट को बताया। इससे पहले टीम ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र लिखकर समस्या के बारे में अवगत करवाया था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 06:49 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 06:49 PM (IST)
प्लास्टिक वेस्ट में बड़ा हिस्सा दूध के खाली पैकेट, कांच की बाेतल या मशीन से दूध सप्लाई की मांग
चंडीगढ़ में रोजाना कई लाख दूध के पैकेट प्लास्टिक वेस्ट में तब्दील हो रहे हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। प्लास्टिक वेस्ट में दूध के पैकेट का बड़ा हिस्सा होता है। रोजाना कई लाख दूध के पैकेट प्लास्टिक वेस्ट में तब्दील हो रहे हैं। इसका समाधान बेहद जरूरी है। नगर निगम ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट बायलॉज 2020 के लिए आम लोगों से राय मांगी है।

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शुक्रवार को समाज सेवी संस्था 'समस्या समाधान' की टीम ने नगर निगम कमिश्नर को अपने सुझाव भेजे और  प्रमुख समस्या दूध के पैकेट को बताया। इससे पहले टीम ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र लिखकर समस्या के बारे में अवगत करवाया था। टीम के सदस्य मनोज शुक्ला ने कहा कि हर रोज लाखों दूध के पैकेट वेस्ट बनते हैं। इसलिए प्लास्टिक की थैली के बजाय कांच की बोतल में दूध बेचना या फिर दिल्ली की तर्ज पर दूध को मशीन से बेचने के आदेश जारी करने चाहिए।

सदस्य प्रवीन ने कहा कि प्रशासन ने चंडीगढ़ में एकल उपयोग प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए 27 सितंबर 2019 को एक अधिसूचना जारी की थी। जुलाई 2020 में संशोधन कर के प्रतिबंध सूची से तीन आइटम हटा दी गई हैं। इनमें प्लास्टिक रिफिल पाउच (500 मिली), टेट्रा पैक के साथ लगी स्ट्रॉ (पाइप) और भोजन/स्नैक्स को ढंकने के लिए प्रयोग होने वाले प्लास्टिक शामिल थी। तीनों चीजें शहर में प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए इन पर भी प्रतिबंध लगाया जाए।

अगर सरकार इन तीनों आईटम को एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी के अधीन ही रखना चाहती है तो निर्माता कंपनियों को कोई तय समय सीमा देकर विकल्प प्रदान करने के लिए कहा जाए। अभी निर्माता कंपनियों पर समय का प्रतिबंध नहीं है और धड़ल्ले से प्लास्टिक का प्रयोग करके प्रदूषण फैलाया जा रहा है।

टोल फ्री नंबर और क्यूआरटी गठन की मांग

ओंकार सैनी ने कहा कि प्रशासन को प्रदूषण फैलाने वालों की शिकायत करने के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी करना चाहिए। साथ ही, डिजिटल इंडिया के तहत मोबाइल एप बनाई जानी चाहिए। एक्शन लेने के लिए चंडीगढ़ को जोन में बांट कर क्विक रिएक्शन टीम का गठन भी करना चाहिए। सरकार को बार-बार प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई के तहत जुर्माना बढ़ाना चाहिए और सजा का प्रावधान भी रखना चाहिए।


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