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MHRD का नया सर्कुलर, कहा- स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को गंभीरता से लें स्कूल Chandigarh News

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 के अनुसार स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को क्लास पहली से दसवीं तक एक अनिवार्य विषय किया गया लेकिन इस पर स्कूलों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

By Edited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 03:11 PM (IST)
MHRD का नया सर्कुलर, कहा- स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को गंभीरता से लें स्कूल Chandigarh News
MHRD का नया सर्कुलर, कहा- स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को गंभीरता से लें स्कूल Chandigarh News

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। देशभर के छात्रों को स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत एमएचआरडी ने एक लेटर जारी कर सभी स्कूलों को स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा विषय को गंभीरता से लेने की बात कही है।

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नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 के अनुसार स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को क्लास पहली से दसवीं तक एक अनिवार्य विषय किया गया, लेकिन इस पर ज्यादातर स्कूलों ने कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप एमएचआरडी ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीसई) से मान्यता प्राप्त हर स्कूल में स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के विषय को लागू करना अनिवार्य होगा। एनसीइआरटी ने शुरू की पहल नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) ने इस संबंध में कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं के लिए शिक्षक मार्गदर्शिका के रूप में एक पहल की है। उसके अलावा नौवीं क्लास के लिए एनसीइआरटी ने हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन (एचपीइ) पर आधारित पाठ्यपुस्तकों को लांच करने वाला है। इससे स्कूलों में स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा विषय को पढ़ाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बारहवीं क्लास तक स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा विषय अनिवार्य

सीबीएसई ने पहली क्लास से लेकर बारहवीं क्लास के लिए स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा विषय को अब अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त हर स्कूल को परिसर में स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य करना होगा। इसके लिए सीबीएसइ ने पहली से बारहवीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूलों में मुख्यधारा के स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के लिए एक सुव्यवस्थित और अच्छी तरह से डिजाइन स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम पेश किया है।

स्कूलों को दिए निर्देश, प्रत्येक दिन रखें एचपीइ की एक अवधि

इस सर्कुलर के साथ ही बोर्ड ने भी स्कूलों को निर्देश भी जारी कर दिया है कि वे प्रत्येक दिन पहली से बारहवीं क्लास के लिए एचपीइ की एक अवधि रखें। इस निर्देश के तहत इन कक्षाओं के सभी छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार कम से कम दो खेल गतिविधियों में भाग लेना भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही इसे दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में शामिल किया गया है। सर्कुलर के अनुसार स्पो‌र्ट्स विभाग के साथ समन्वय में स्कूल विभाग और साक्षरता विभाग शारीरिक गतिविधि और खेल को विकसित करने के लिए स्कूलों में फिट इंडिया मूवमेंट-फिट इंडिया स्कूल पर गतिविधियों का आयोजन अनिवार्य होगा।

सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए एचपीई कार्यक्रम अनिवार्य

इसके अलावा, दिल्ली के एनसीटी में सरकारी स्कूलों सहित अधिकांश स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं और सभी सीबीएसई संबंद्ध स्कूलों के लिए एचपीई कार्यक्रम अनिवार्य है। एक अप्रैल 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग और साक्षरता विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा-समग्र शिक्षा के लिए एकीकृत योजना शुरू की थी। बच्चों के समग्र विकास की आवश्यकता को समझते हुए, समग्र शिक्षा, खेल और शारीरिक शिक्षा घटक के लिए इसे शुरू किया गया था।


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