यादें आज भी भर देती है जाेश, ... 120 जवानों ने दुश्मन के दो हजार सैनिक कर दिए ढ़ेर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भारतीय रणबाकुरों की वीरता आज भी रगों में जोश भर देती है। लोंगोवाल पोस्ट पर 120 जवानों ने पाक की पूूरी बटालियन को बर्बाद कर दिया था।
चंडीगढ़, [राजिंद्र शर्मा]। भारत अौर पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में लोंगाेवाल चेकपोस्ट की लड़ाई की यादें आज भी लहू में रवानी भर देती हैं अौर नसें फड़क उठती हैं। इस पोस्ट पर जवानों संग मोर्चा संभालने वाले ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को आज भी इस युद्ध का एक-एक लम्हा याद है। भारतीय सेना के 120 जवानों ने टैंकों से लैस 3000 पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा दी। 2000 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए अौर तीन टैंकों को नष्ट कर दिया।
लेक क्लब में आयोजित मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन ब्रिगेडियर चांदपुरी ने बताया कि 1971 में भारत-पाक युद्ध में लोंगोवाल चेकपोस्ट पर पाकिस्तान के तीन हजार सैनिकों के खिलाफ 120 जवानों को लड़ाई के लिए प्रोत्साहित करना बेहद मुश्किल काम था। वह भारत-पाक जंग के आखिरी दिन थे। 4 दिसंबर की उस रात को पाकिस्तान ने लोंगोवाल चेकपोस्ट पर हमला किया। यहां से उनका जैसलमेर जाने का प्लान था।
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ब्रिगेडियर ने बताया कि उस समय चेकपोस्ट पर मुझे मिलाकर सिर्फ 120 जवान थे। कुछ जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की पेट्रोलिंग पर थे। देर शाम हमें उन्हीं से जानकारी मिली कि दुश्मन के बहुत सारे टैंक और पूरी ब्रिगेड के साथ लोंगोवाल पोस्ट की तरफ बढ़ रहा है। उस ब्रिगेड में तीन हजार से ज्यादा जवान और पांच टैंक रहे होंगे। अपनी छोटी से टुकड़ी का साथ इतनी बड़ी फौज का मुकाबला करना मुश्किल था।
उन्होंने बताया, हमने मदद भी मांगी, लेकिन नहीं मिली। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और 120 जवानों को लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हें गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की कुर्बानी की मिसाल दी। इसके बाद ही उनके जवान मुंहतोड़ जवाब के लिए तैयारी में लग गए।
उन्होंने बताया, कुछ ही देर बाद पाकिस्तानी टैंकों ने गोले बरसाते हुए हमारी पोस्ट को घेर लिया। वे आगे बढ़ते जा रहे थे और उनके पीछे पाकिस्तानी सेना। हमने भी जीप पर लगी रिकॉयललैस राइफल और 81एमएम मोर्टार से जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी और दुश्मन के दो हजार जवानों और तीन टैंकों को ढेर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने ने बंगलादेश से पाकिस्तान सेना को खदेड़ दिया था। यही कारण है कि राजस्थान के इस एरिया पर पाकिस्तान ने कब्जा कर बांग्लादेश की मांग करना चाहते थे।
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एक भी जवान पर नहीं लगा दुष्कर्म व छेड़छाड़ का आरोप : मेजर चंद्रकांत
1971 के युद्ध पर मेजर चंद्रकांत सिंह ने कहा कि हमारे देश के लिए सबसे बड़ी गर्व की बात यह है कि हमारे एक भी जवान पर बांग्लादेश में रेप और छेड़छाड़ का आरोप नहीं लगा। भारत की कार्रवाई से पहले पाकिस्तान के सैनिक वहां पर बर्बर जुर्म ढा रहे थे।
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उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के अंदर तक हमारे जवान कार्रवाई करके आए। ऐसा भी कई बार हुआ जब कई जगहों पर वहां के जवानों ने उन्हें पाकिस्तान का ही मेजर समझ लिया। पाकिस्तानी फोर्स की कुछ जगहों पर गोलियां भी खत्म हो गई, लेकिन वो तुरंत कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। क्योंकि इसके बारे में उसे बाद में पता चला।