तीन घंटे धरने पर बैठे तो सीएम ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज किसानों का बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन काफी देर तक जब उन्हें नहीं बुलाया गया तो वे धरने पर बैठ गए। बाद में उन्हें बैठक के लिए बुलाया गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे किसान संगठनों को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन बैठक निर्धारित समय से शुरू नहीं हुई। इससे बैठक में शामिल होने आए भारतीय किसान संगठन एकता और किसान संगठन कादीया के प्रतिनिधियों ने सीएम आवास के बाहर धरना दे दिया। बाद में, लगभग तीन घंटे के बाद सीएम आफिस के अधिकारियों ने उन्हें मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए बुलाया।
सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे किसान।
किसानों का कहना है कि खेती पहले ही उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है ऊपर से सरकार अब पराली को आग न लगाने का फरमान जारी कर किसानों पर खर्च का बोझ डाल रहा है। किसानों की मांग है कि पराली न जलाने पर उन्हें दो सौ रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए। किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों के खिलाफ सख्ती दिखाई, तो किसान संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।
इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, कर्ज माफी करने सहित कई अन्य मांगें कर रहे हैं। इसको लेकर किसान कई स्थानों पर धरना दे रहे हैं।
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