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15 साल में स्टडी टूर पर दो करोड़ खर्चा, लेकिन फायदा एक का नहीं

साल 2004 से लेकर अब तक पार्षदों के स्टडी टूरों पर करीब दो करोड़ रुपये बर्बाद हो चुके हैं लेकिन इन टूरों का शहर का कोई फायदा नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:17 PM (IST)
15 साल में स्टडी टूर पर दो करोड़ खर्चा, लेकिन फायदा एक का नहीं
15 साल में स्टडी टूर पर दो करोड़ खर्चा, लेकिन फायदा एक का नहीं

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : साल 2004 से लेकर अब तक पार्षदों के स्टडी टूरों पर करीब दो करोड़ रुपये बर्बाद हो चुके हैं लेकिन इन टूरों का शहर का कोई फायदा नहीं मिला है। अब 21 दिसंबर को भाजपा पार्षदों के दो अलग-अलग टूर कोलकाता और केरल जा रहा हैं। दोनों टूरों पर 30 लाख रुपये का खर्चा आ रहा है। यहां तक कि पहले कांग्रेस पार्षदों ने भी इन टूरों पर जाने की सहमति जताई थी लेकिन बाद भी पार्टी ने उन्हें मना करते हुए इसका विरोध जाहिर करने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं कि पार्षद इससे पहले केरल और कोलकाता स्टडी टूर पर नहीं गए। साल 2010 में उस समय के पार्षद इन दोनों जगहों पर जा चुके हैं। लेकिन उस टूर का भी शहर को कोई फायदा नहीं मिला था। साल 2014 में भी कोलकाता टूर जा चुका है ऐसे में अब मेयर राजेश कालिया के कार्यकाल में कोलकाता फिर से टूर जा रहा है। कांग्रेस के कार्यकाल साल 2004 में ही स्टडी टूर जाने शुरू हुए थे इसके साथ साल 2017 से भाजपा के कार्यकाल में भी हर साल स्टडी टूर जाने लगे। अभी तक कौन-कौन से टूर गए हैं जिनका शहर को नहीं मिला है फायदा साल टूर का स्थल व्यय (लाखों में)

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2004 चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरू 125400

2004 गोवा 347100

2004 बेंगलुरू और मैसूर 301210

2007 मुंबई 19530

2007 सिगापुर और बैंकॉक 1510560

2009 गुजरात 586075

2010 केरल 1381600

2010 गंगटोक 1607791

2010 कोलकाता और गंगटोक 1389032

2010 संसद 47000

2011 बेंगलुरू से कंबाटोर 1639700

2011 चेन्नई और पुड्डूचेरी 1104744

2011 चेन्नई, पुड्डूचेरी, मादुरी, कंबाटोर 1104744

2013 गुजरात 389492

2013 जाम नगर, जूनागढ़ और दीप 361616

2014 वाटर सप्लाई को देखने के लिए कई शहरी एरिया 1011240

2014 नासिक 365129

2015 तमिलनाडू 350000

2015 स्पेन 285000 साल 2017 और 2018 में गए टूरों पर हुए लाखों रुपये खर्च

साल 2016 में पार्षदों के तीन स्टडी टूर हैदराबाद, पुणे और कोचि गया था उस समय मेयर आश जसवाल थीं। जबकि साल 2018 में भी तीन टूर विजयवाड़ा, इंदौर, और विशाखापट्टम गए थे। पिछले साल देवेश मोदगिल मेयर थे। इन दोनों मेयर के कार्यकाल में गए टूरों पर करीब 40 लाख रुपये का खर्चा हो चुका है। इस साल अभी तक गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में लेह लद्दाख गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए धार्मिक टूर कर चुका है। इस टूर पर नगर निगम का आठ लाख रुपये का खर्चा आया है। टूर में तबीयत खराब होने से पार्षद की हो चुकी है मौत

साल 2014 में पार्षद चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर के स्टडी टूर पर गए थे। इस टूर में उस समय अकाली पार्षद मलकीयत सिंह की तबीयत खराब होने से मौत भी हो गई थी। इस विवादित स्टडी टूर के लिए 13 पार्षदों से 9-9 हजार रुपये की रिकवरी भी ली गई थी। जिन 13 पार्षदों से रिकवरी ली गई थी क्योंकि यह पार्षद अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को सरकारी टूर पर साथ ले गए थे। इससे टूर का खर्चा बढ़ गया था। रिकवरी लेने पर पार्षदों ने सदन में काफी हंगामा भी किया था।

कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह का कहना है कि वह मेयर को मिलकर कह चुके हैं कि विकास के काम न होने के कारण इस समय पूरे शहर में किरकिरी हो रही है ऐसे में नगर निगम को यह टूर खारिज कर देने चाहिए।


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