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एमसी ने जेपी प्लांट को भेजा नोटिस, कहा : एक सप्ताह में हमें सौंपो

प्लांट चलाने को लेकर हुए एमओयू खारिज करने का नोटिस वीरवार जेपी कंपनी को भेज दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 06:07 AM (IST)
एमसी ने जेपी प्लांट को भेजा नोटिस, कहा : एक सप्ताह में हमें सौंपो
एमसी ने जेपी प्लांट को भेजा नोटिस, कहा : एक सप्ताह में हमें सौंपो

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम ने प्लांट चलाने को लेकर हुए एमओयू खारिज करने का नोटिस वीरवार जेपी कंपनी को भेज दिया है। एक सप्ताह के भीतर जेपी कंपनी को प्लांट शांतिपूर्वक सौंपने के लिए कहा गया है। कमिश्नर केके यादव की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि साल 2005 में हुए एमओयू के अनुसार कंपनी प्लांट नहीं चला पा रही है। शहर में प्रतिदिन 470 टन कचरा निकल रहा है लेकिन कंपनी 120 टन कचरा ही प्रोसेस कर रही है। जोकि सॉलिड वेस्ट मनैजमेंट रूल्स 2016 के खिलाफ है। इस बारे में कई बार जेपी कंपनी को नगर निगम की ओर से नोटिस भेजा गया है लेकिन प्लांट ने सारा कचरा प्रोसेस करने के लिए क्षमता नहीं बढ़ाई है। भेजे गए नोटिस में फरवरी माह में दिल्ली एनजीटी की ओर से सुनाए गए फैसले का भी जिक्र किया गया। एनजीटी ने चंडीगढ़ नगर निगम को कहा था कि एक माह के भीतर वह तय करे कि उन्हें जेपी कंपनी के साथ काम करना है या नहीं। नोटिस में बताया गया कि एनजीटी के आदेश के अनुसार ही नगर निगम की सदन की बैठक ने 25 फरवरी और चार मार्च हुई सदन की बैठक में जेपी कंपनी के साथ एग्रीमेंट खारिज करने का फैसला लिया गया है। एक सप्ताह के भीतर अगर जेपी कंपनी ने प्लांट न सौंपा तो उसके बाद नगर निगम खुद प्लांट का कब्जा लेगा। जिसका सारा रिस्क जेपी कंपनी का ही होगा। 30 दिसंबर को हुआ था एमओयू

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जेपी कंपनी के साथ नगर निगम का 30 दिसंबर 2005 को एमओयू हुआ था। जिसके अनुसार कंपनी को 30 साल के लिए प्लांट चलाने के लिए जमीन दी गई थी। नोटिस में यह भी कहा गया है कि कंपनी की ओर से सारा कचरा प्रोसेस न करने के कारण ही डंपिग ग्राउंड भर रहा है। प्लांट को कई बार खामियां दूर करने के लिए नोटिस भेजे गए लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। दिल्ली एनजीटी ने लगाया था जुर्माना

दिल्ली एनजीटी की ओर से सारा कचरा प्रोसेस न होने के कारण 24 जुलाई और सात नवंबर 2017 को 50 हजार रुपये प्रति दिन के हिसाब से प्रदूषण मुआवजा भी नगर निगम पर लगाया गया था। नगर निगम ने तत्काल प्रभाव से एग्रीमेंट खारिज करने का निर्णय लिया है। नगर निगम की ओर से नोटिस में कहा गया है कि जब प्लांट नगर निगम को हैंडओवर करना है तो कंपनी की ओर से अपना प्रतिनिधि भी तैनात किया जाए। एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकालेगा एमसी

अब शुक्रवार को नगर निगम प्लांट को खाली करवाने के बाद चलाने का एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकालेगा। प्लांट का कब्जा लेने के बाद जब तक कोई थर्ड पार्टी नहीं आ जाती तब तक नगर निगम खुद ही चलाएगा। नगर निगम के अनुसार हर माह प्लांट चलाने का खर्चा 60 लाख रुपये है। कमिश्नर केके यादव ने बताया कि वर्तमान प्लांट की मशीनरी को चेक करवाने के लिए आइआइटी रुड़की से टीम बुलाई जाएगी जोकि बताएगी कि वर्तमान प्लांट का क्या स्टेटस है। मशीनरी कितनी चल सकती है या फिर पूरी तरह से कबाड़ है। आइआइटी रुड़की से अपनी रिपोर्ट में यह भी बताएगी कि किस तरह से प्लांट की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।


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