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Punjab financial crisis बिट्टूू के हमले के बाद कई सांसद आए वित्त मंत्री मनप्रीत के साथ

सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के निशाने पर आए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पक्ष में अब राज्य के अन्य सांसद उतरने लगे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 09:55 AM (IST)
Punjab financial crisis बिट्टूू के हमले के बाद कई सांसद आए वित्त मंत्री मनप्रीत के साथ
Punjab financial crisis बिट्टूू के हमले के बाद कई सांसद आए वित्त मंत्री मनप्रीत के साथ

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को लेकर अपनी ही पार्टी के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के निशाने पर आए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पक्ष में अब राज्य के अन्य सांसद उतरने लगे हैं। मनप्रीत ने उनके सामने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से जीएसटी की मुआवजा राशि न आने के कारण स्थिति बिगड़ी है। इस पर सांसदों ने कहा कि वह उन्हें केंद्र सरकार के पास अटके हुए वित्तीय मामलों की जानकारी दें, ताकि वे इन मुद्दों को संसद में उठा सकें।

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सांसदों के इन सुझावों पर मनप्रीत ने योजना विभाग से सभी सांसदों की मीटिंग बुलाने को कहा है, ताकि उनके सामने वित्तीय मामलों, केंद्रीय योजनाओं आदि को रख सकें। सांसद इन मुद्दों को संसद में उठा सकें या फिर मंत्रालयों से मिलकर इन फाइलों को क्लियर करवा सकें। उन्होंने योजना विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जसपाल सिंह से दो सप्ताह बाद सभी विभागों से योजनाओं में रुकी हुई केंद्रीय ग्रांट आदि का ब्योरा लेने को कहा है ताकि इसे सांसदों के सामने रखा जा सके।

काबिले गौर है कि सांसदों के साथ वित्तमंत्री की इस प्रकार की मीटिंग लगभग एक दशक बाद होने जा रही है। इससे पहले इस तरह की मीटिंगें होती रही हैैं, लेकिन उनका नेतृत्व मुख्यमंत्री करते रहे हैं। कई सालों से ये मीटिंगें बंद हैं जिसके कारण पंजाब से जुड़े मुद्दे सही तरह से संसद में उठ नहीं पा रहे हैं। मसलन, 31 हजार करोड़ रुपये के फूड अकाउंट का मामला लटका हुआ है। सांसद रहते हुए सुनील जाखड़ ने यह मामला उठाया था। इसके बाद केंद्र ने इसे गंभीरता से लिया और इसे 15वें वित्त आयोग के हवाले कर दिया गया।

कई और मामले भी हैं जो केंद्र के पास लटके हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि अगस्त से नहीं दी जा रही थी, लेकिन किसी सांसद ने इसे संसद में नहीं उठाया। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल द्वारा देश के अन्य वित्त मंत्रियों को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ इस मुद्दे को उठाने पर पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने 2,228 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी। मनप्रीत का कहना है कि सांसद राज्य की आवाज को केंद्र तक पहुंचा सकते हैं। सांसदों की मीटिंग करके केंद्र के पास अटके हुए मसलों की जानकारी देने की जरूरत है। इससे काफी कुछ हल हो जाएगा।

मनप्रीत बादल ने जताई थी आपत्ति

लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू ने राज्य की खराब आर्थिक स्थिति के लिए मनप्रीत बादल को दोषी ठहराया था। बाद में मनप्रीत ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर बिट्टू को कोई मसला रखना था तो वह उनके पास आते, जनता के बीच बोलना उचित मंच नहीं था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में वित्तमंत्री का साथ दिया।

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