पंजाब में लंपी स्किन से कई दुधारू पशुओं की मौत, GADVASU लुधियाना के वीसी विदेश में, सीएम नाराज
पंजाब में लंपी स्किल की बीमारी के कारण की दुधारू पशुओं की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद गुरु अंगद देव वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वीसी विदेश में हैं। सीएम भगवंत मान ने इस पर नाराजगी जताते हुए वीसी को तत्काल वापस आने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में लंपी स्किन की बीमारी से दुधारू पशुओं की मौत हो रही है। लोगों पर विपदा पड़ी है और गुरु अंगद देव वेटरनरी यूनिवर्सिटी (Guru Angad Dev Veterinary and Animal Sciences University GADVASU) के वीसी डा. इन्द्रजीत सिंह व डायरेक्टर एक्सटेंशन डा. जितेंद्र पाल सिंह टोरंटो के बाजारों में घूम रहे हैं।
यह टिप्पणी लंपी स्किन की बीमारी को लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से बुलाई गई मीटिंग में एक सीनियर मंत्री ने की, जिस पर मुख्यमंत्री ने वीसी पर खासी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें तुरंत लौटने को कहा है।
मीटिंग में मौजूद एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि वीसी ऐसे समय में विदेश दौरे पर गए हैं, जब पंजाब में लंपी स्किन बीमारी बुरी तरह से फैली हुई थी। उल्लेखनीय है कि वीसी इन्द्रजीत सिंह दो अगस्त से कनाडा के दौरे पर हैं और उन्हें बीस अगस्त को लौटना है।
लंपी स्किन की बीमारी को लेकर पंजाब सरकार हर रोज बैठकें कर रही है। यहां तक कि मुख्यमंत्री एक कैबिनेट सब कमेटी भी गठन किया है, जो न केवल भारत सरकार से दवाओं को जारी करवाने में लगातार संपर्क में है। साथ ही विभागीय अधिकारियों से भी लगातार फीडबैक लिया जा रहा है।
मान ने कहा कि लंपी स्किन के लिए वित्तीय कमी नहीं आने दी जाएगी। शुक्रवार को एक बार फिर से कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई, जिसमें लंपी स्किन की रोकथाम के लिए गोट पाक्स दवाई के 3.33 लाख और डोज मंगवाने के निर्देश दिए हैं।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और पशु पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने निर्देश दिए कि 3.33 लाख और डोज देश की प्रमाणित पशु संस्थाओं से तुरंत मंगवाकर राज्य के सभी जिलों में पहुंचाई जाए।
पशुओं को लगाए जा रहे गोट पाक्स के टीकाकरण मुहिम को और तेज कर यह लक्ष्य दोगुना कर रोजाना 50 हजार करने को कहा गया है। टीकाकरण बिल्कुल मुफ्त किया जा रहा है। अब तक 1.30 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
खुले में न फेंके मरे हुए पशु
मंत्री समूह ने मरे हुए पशुओं को खुले में फेंकने से रोकने के लिए सरकार ने बीडीपीओ को फंड जारी करके यह हिदायत की है कि वह अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों में जेसीबी का प्रबंध करें। मरे हुए पशुओं को दफनाना सुनिश्चित बनाएं। गांवों के सरपंचों के साथ निरंतर संपर्क में रहें।
किसानों से अपील की गई है कि वह पशुओं के शव खुले में न फेंकें। पशु पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने पीडि़त पशुओं का दूध न पीने संबंधी अफवाहों को नकारते हुए कहा कि दूध को अच्छी तरह से उबाल कर पीने से मानव शरीर को यह बीमारी प्रभावित नहीं करती।
लंपी रोग से मरने वाले पशुओं के लिए सरकार 50 हजार रुपये तक मुआवजा दे: शिअद
शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से लंपी स्किन से मवेशियों की मौत के पर हर प्रभावित किसान व डेयरी मालिक को 50 हजार रुपये तक मुआवजा देने की अपील की। अकाली नेता के कार्यवाहक किसान विंग के प्रधान सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में देरी करने से ही पंजाब में डेयरी क्षेत्र को बहुत बड़ा झटका लगा है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान जुलाई के मध्य से ही लंबी त्वचा रोग के मामलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन आप पार्टी की सरकार बीमारी के अस्तित्व के बारे में ही इन्कार कर रही थी। उन्होंने कहा, अब बहुत देर हो चुकी है। 25 हजार दुधारू पशु मर चुके हैं। किसानों को प्रति पशु 70 हजार रुपये से 1.25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
मलूका ने कहा कि पहले किसानों को मूंग की खराब बिक्री और बाढ़ के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा था और अब इस बीमारी ने पशुपालन क्षेत्र में कहर बरपा रखा है। सरकार उन किसानों को जिन्होंने अपनी मूंग की फसल एमएसपी से भी कम दाम में बेची थी, और अब भारी बाढ़ से पीडि़त किसानों तथा जो लंबी त्वचा रोग की मार झेल रहे किसानों को राहत देने, अपना वादा निभाने और उनका बचाव करने में विफल रही है।