Move to Jagran APP

पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच संगठन में बड़ा फेरबदल संभव, तीन सदस्यीय कमेटी पर सबकी नजर

पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को थामने के लिए प्रदेश में संगठन में बढ़ा फेरबदल संभव है। हाईकमान ने स्थिति पर नजर रखने के लिए हरीश रावत मल्लिकार्जुन खड़गे व जय प्रकाश अग्रवाल पर आधारित तीन सदस्यीय बनाई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 08:36 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 06:11 PM (IST)
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच संगठन में बड़ा फेरबदल संभव, तीन सदस्यीय कमेटी पर सबकी नजर
हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़के व जयप्रकाश अग्रवाल की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह के चलते कैबिनेट में बदलाव की संभावनाएं तो काफी कम हैं, लेकिन इसका असर पार्टी के संगठन पर पड़ सकता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर पिछले साढ़े चार साल की कारगुजारी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मंत्री और विधायक अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके चलते आए दिन मुख्यमंत्री के खिलाफ बैठकों का सिलसिला और बयानबाजी भी लगातार चल रही है।

loksabha election banner

ऐसे में इस कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व जय प्रकाश अग्रवाल भी शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब कैबिनेट में शामिल होने के इच्छुक कम हैं। खासतौर पर जब बात नवजोत सिद्धू को फिर से कैबिनेट में लेने की हो।

हरीश रावत ने सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकातें करवाकर उन्हें कैबिनेट में लाने की काफी कोशिश की, लेकिन यह कोशिशें भी अब क्षीण हो गई हैं। बताया जाता है कि सिद्धू अध्यक्ष पद लेने के इच्छुक हैं, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। पिछले दिनों कैप्टन ने अपने एक इंटरव्यू में साफ कहा है कि साढ़े चार साल पहले पार्टी में शामिल होने वाले किसी नेता को अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता।

उन्होंने कहा कि सुनील जाखड़ प्रदेश में पार्टी की बागडोर बढि़या ढंग से संभाल रहे हैं। दूसरा, पार्टी सूत्रों का यह भी मानना है कि नवजोत सिद्धू को पार्टी की बागडोर संभालने से प्रदेश में गलत संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष दोनों ही जट्ट वर्ग से नहीं हो सकते, इसलिए अगर सुनील जाखड़ को हटाया जाना है तो पार्टी किसी वरिष्ठ ¨हदू नेता की तलाश करेगी।

बताया जाता है कि इस तरह की तलाश चल भी रही है। इसके अलावा भाजपा ने किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की बात कहकर दूसरी सभी पार्टियों के लिए दुविधा खड़ी कर दी है। भाजपा के इस एलान के बाद शिरोमणि अकाली दल ने भी डिप्टी सीएम बनाने की बात कही है।

अध्यक्ष के लिए सिंगला और तिवारी के नाम की चर्चा

अब कांग्रेस भी सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेना चाहती है। बताते हैं कि अध्यक्ष हिंदू समुदाय से ही बनाया जाएगा। इसके लिए विजय इंद्र सिंगला और मनीष तिवारी के बारे में सोचा जा रहा है। इसके अलावा दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जाएंगे। एक दलित समुदाय से और एक पिछडे़ वर्ग से। यह भी चर्चा थी कि सबसे वरिष्ठ नेता लाल सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जाए, लेकिन उनकी आयु को देखते हुए पार्टी इस स्टैंड से पीछे हट गई है।

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.