कला में दिखे महात्मा
महात्मा गांधी के विचार जिनके पदचिह्नों पर चलता युवा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : महात्मा गांधी के विचार, जिनके पदचिह्नों पर चलता युवा। आर्टिस्ट कंवल पाल सिंह के कार्य को गौर से देखा जाए तो यही एक धारणा बनती है, जिसमें युवाओं को गांधी के विचारों में लिप्त दिखाया गया है। मगर किस ऐसे अंदाज में कि वो इन विचारों को जीवन में आनंद के रूप में देखते हैं। मंगलवार को ऑलियांस फ्रांसिस-36 में आयोजित कला प्रदर्शनी एमजी एट 150 में कंवल पाल सिंह ने कुछ इसी अंदाज में महात्मा गांधी के सपनों को बुना। प्रदर्शनी में उन्हें इंस्टालेशन टाइप में अपने आर्ट वर्क को प्रदर्शित किया है। जिसमें पेपर मैश से तैयार पपेट के द्वारा महात्मा गांधी से जुड़ी चीजों को दिखाया है। युवा और महात्मा गांधी के संबंध को दिखाना चाहता था
कंवल ने कहा कि उन्होंने इस प्रदर्शनी के लिए वर्ष 2016 से ही तैयारी कर रहा था। मुझे हमेशा महात्मा के विचारों ने प्रेरित किया है। मगर बदलते समय में उनके विचार और युवाओं के जीवन, इन दोनों को दिखाना मेरा खास मकसद था। ऐसे में मैंने इस मीडियम को चुना। पेपर मैश मुझे पसंद है, मगर इसे पपेट का फॉर्म देना लंबा वक्त मांगता है। पूरा पपेट ही पेपर मैश से बना है, इसके अलावा महात्मा गांधी से जुड़ी चीजें जैसे कि चरखा, चश्मा, चप्पलें इन सबको मैंने महात्मा के रूप में दिखाया है। जो सांकेतिक हैं, मगर पूरी तरह से महात्मा को हमारे सामने ला खड़ा करते हैं। चरखे से लेकर चश्मे तक
कंवल पाल के कार्य में चश्मे, चरखे और वो सभी चीजें, जिससे महात्मा गांधी को पहचाना जा सकता है का इस्तेमाल किया। इसमें पपेट के भाव और महात्मा के विचार खूबसूरती से समझे जा सकते हैं। उन्होंने इस प्रदर्शनी का नाम एमजी एट 150 भी इसलिए रखा ताकि ये युवाओं को बयान कर सकें, जो इसी भाषा में बात करते हैं। साथ ही इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है, तो मैं इसे उस अनुरूप भी बनाना चाहता था। इसमें आप दो वक्तों का मिलना भी देखेंगे, जिसमें चरखे से निकला सूत का धागा, और उसमें टंगा चश्मे रूपी वक्त हमें एक यात्रा पर ले जाता है। मुझे रंग पसंद है, तो इसमें कई रंग आप देखेंगे। इसे जीवन की कठिनाइयां और खुशी दोनों के रूप में देख सकते हैं।