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कांग्रेस ने पंजाब में छह प्रत्‍याशी घोषित किए, चार सिटिंग MP पर फिर भरोसा

Loksabha Election के लिए कांग्रेस ने छह प्रत्‍याशी तय कर लिए हैं। पार्टी ने चार स‍िटिंग सांसदों पर फिर विश्‍वास जताया है। परनीत कौर को पटियाला से टिकट दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:28 AM (IST)
कांग्रेस ने पंजाब में छह प्रत्‍याशी घोषित किए, चार सिटिंग MP पर फिर भरोसा
कांग्रेस ने पंजाब में छह प्रत्‍याशी घोषित किए, चार सिटिंग MP पर फिर भरोसा

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Loksabha Election 2019 के लिए कांग्रेस ने पंजाब की छह सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मोहर लगा दी है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की मंगलवार देर शाम दिल्ली में हुई बैठक में इन उम्‍मीदवारों के नाम तय किए गए। पंजाब के चारों सिटिंग सांसदों पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। पटियाला से परनीत कौर, गुरदासपुर से सुनील जाखड़ और होशियारपुर से चब्बेवाल के विधायक राजकुमार चब्बेवाल के नाम पर मोहर लगी है।

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पटियाला से परनीत कौर, गुरदासपुर से सुनील जाखड़ व होशियारपुर से डा. राजकुमार चब्बेवाल होंगे प्रत्याशी

जानकारी के अनुसार करीब 40 मिनट तक चली इस बैठक में करीब-करीब हरेक सीट पर चर्चा हो हुई लेकिन फैसला उन्हीं सीटों को लेकर हुआ जहां पर कोई विवाद नहीं था। जिन सीटों पर विवाद है उन्हें पैंडिंग कर दिया गया। पिछले दिनों स्टिंग ऑपरेशन से विवाद में आए चौधरी संतोष सिंह को भी टिकट देने की फैसला किया गया।

यह भी पढ़ें: पवन बंसल चंडीगढ़ से कांग्रेस प्रत्‍याशी तय, नवजाेत कौर व मनीष तिवारी की उम्‍मीदें टूटीं

सबसे अप्रत्याशित फैसला अमृतसर सीट को लेकर हुआ क्योंकि गुरजीत सिंह औजला एकमात्र ऐसे सांसद थे जो रेस से बाहर चल रहे थे। होशियारपुर से राजकुमार चब्बेवाल को सबसे मजबूत उम्मीदवार मानते हुए उन्हें टिकट देने का फैसला किया गया। करीब 40 मिनट तक चली इस बैठक में करीब-करीब हरेक सीट पर चर्चा हो हुई, लेकिन फैसला उन्हीं सीटों को लेकर हुआ जहां पर कोई विवाद नहीं था। जिन सीटों पर विवाद है उन्हें पेंडिंग कर दिया गया।

नवजोत कौर सिद्धू आउट, फिरोजपुर में राणा व घुबाया में फंसा मामला

कांग्रेस ने डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को झटका दे दिया है। चंडीगढ़ सीट से टिकट की दौड़ से बाहर चल रहीं नवजोत कौर को उम्मीद थी कि पार्टी अमृतसर से उन्हें चुनाव लड़वा सकती है। बताया जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अंतिम समय पर अपना वीटो पावर का प्रयोग कर औजला को टिकट दिलवा दी। दूसरी ओर फिरोजपुर सीट पर राणा गुरमीत सोढ़ी व शिअद से कांग्रेस में आए शेर सिंह घुबाया में मामला फंस गया है।

मनमोहन के आगे कैप्टन की नहीं चली
सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि अमृतसर के विधायक औजला से खासे नाराज हैैं। जिस पर डाॅ. मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह से कहा कि वह सभी विधायकों के साथ बैठक कर गिले-शिकवे दूर करवाएं। राहुल गांधी ने भी इसका समर्थन किया। कैप्टन बैठक में औजला के हक में नहीं थे, लेकिन मनमोहन के आगे उनकी नहीं चली।

जिन सीटों पर कैप्टन का समर्थन वे सभी पेंडिंग


प्रत्याशियों के चयन के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के बीच मतभेद भी उभर कर सामने आए। यही कारण रहा कि खडूर साहिब, फिरोजपुर, संगरूर, श्री आनंदपुर साहिब ऐसी सीटें रही जिन पर कोई फैसला नहीं हो सका। ये वे सीटें हैं जहां से कैप्टन अपने करीबियों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। ये सभी सीटें सीईसी ने पेंडिंग कर दीं। खडूर साहिब से कैप्टन जसबीर डिंपा, फिरोजपुर से राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, संगरूर से केवल ढिल्लों और श्री आनंदपुर साहिब से मनीष तिवारी का समर्थन कर रहे हैं।

मनीष तिवारी को फिर लग सकता है झटका

पंजाब कांग्रेस श्री आनंदपुर साहिब सीट को हिंदू मान रही है, जबकि एआइसीसी नहीं। अगर एआइसीसी की चली तो मनीष तिवारी को यहां से भी झटका लग सकता है। तिवारी पहले चंडीगढ़ से टिकट मांग रहे थे, जबकि पार्टी ने वहां पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल पर भरोसा जताया है। अगर ऐसी स्थिति बनी तो मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू की लॉटरी लग सकती है।
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कांग्रेस हिंदू वोट बैैंक को लेकर सतर्क
कांग्रेस हिंदू वोट बैंक को लेकर भी खासी सतर्क नजर आई। उस पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह हिंदुओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दे रही है। फिरोजपुर, संगरूर और श्री आनंदपुर साहिब हिंदू बहुल सीट मानी जाती हैं। फिरोजपुर में राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी और शेर सिंह घुबाया के बीच में मामला फंस गया।

श्री आनंदपुर साहिब में आंकड़ों पर मामला उलझ गया। इस सीट पर विचार-विमर्श के दौरान निकल कर सामने आया कि पंजाब कांग्रेस और ऑल इंडिया कांग्र्रेस कमेटी (एआइसीसी) के आंकड़ों में खासा फर्क है। पंजाब कांग्रेस के आंकड़े बताते हैं कि श्री आनंदपुर साहिब हिंदू सीट है, जबकि एआइसीसी के आंकड़े कुछ और कह रहे हैं। इस कारण इस सीट पर कोई फैसला नहीं हो सका। मुख्यमंत्री इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का समर्थन कर रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति संगरूर सीट को लेकर भी रही। इस सीट से विजय इंदर सिंगला को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है, लेकिन वे चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैैं।

हरसिमरत के मुकाबले नहीं मिला मजबूत नाम
जानकारी के अनुसार बठिंडा सीट पर भी चर्चा तो हुई लेकिन मजबूत नाम न आने के कारण इसे भी लंबित छोड़ दिया गया। अकाली दल से हरसिमरत कौर का यहां से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। बठिंडा में कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। इस सीट से मनप्रीत बादल को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन वह भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते। होशियारपुर सीट को लेकर सीईसी में कोई खास चर्चा नहीं हुई। राजकुमार चब्बेवाल पर सभी की सहमति बन गई।

इन्हें मिली टिकट

अमृतसर : गुरजीत औजला।

गुरदासपुर : सुनील जाखड़।

जालंधर : चौधरी संतोख सिंह।

लुधियाना : रवनीत बिट्टू।

पटियाला : परनीत कौर।

होशियारपुर : राजकुमार चब्बेवाल।

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