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कैप्‍टन सरकार ने फिर लटकाया लोकायुक्त बिल, जस्टिस विनोद शर्मा की नियुक्ति पर संशय

पंजाब में लोकायुक्‍त बिल एक बार फिर लटक गया है। राज्‍य में लोकायुक्‍त के रूप में जस्टिस विनोद शर्मा की नियुक्ति पर फिर संशय पैदा हो गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 05:43 PM (IST)
कैप्‍टन सरकार ने फिर लटकाया लोकायुक्त बिल, जस्टिस विनोद शर्मा की नियुक्ति पर संशय
कैप्‍टन सरकार ने फिर लटकाया लोकायुक्त बिल, जस्टिस विनोद शर्मा की नियुक्ति पर संशय

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लाया जाने वाला लोकायुक्त का बिल एक बार फिर लटक गया है। कैप्टन सरकार अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, लेकिन मजबूत लोकपाल बनाने का वादा पूरा करने की बजाय इसे बार-बार लटकाया जा रहा है।

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मंत्रिमंडल ने हाल ही में लोकायुक्त बिल के मसौदे को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दी थी

मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस बिल को बजट सेशन में पेश किए जाने की मंजूरी दी थी, लेकिन कानून बनाने के लिए जब इसे अंतिम समय में विधानसभा में पेश किया जाना था तो उसे पेश करने से रोक लिया गया। लोकायुक्त बिल के तहत नए लोकायुक्त की नियुक्ति पर सहमति न बन पाने के चलते सरकार ने फिलहाल इस बिल को बिल को विधानसभा में लाने को स्थगित कर दिया था।

सरकार में इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई है कि लोकायुक्त के पद पर वर्तमान लोकपाल जस्टिस विनोद कुमार शर्मा को ही नियुक्त किया जाए या इस पद के लिए किसी नए नाम की तलाश की जाए। गौरतलब है कि हाल ही में मंत्रिमंडल ने लोकायुक्त बिल के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री सरकार के मंत्रियों और सार्वजनिक पदों पर बैठे सभी अधिकारियों को लोकायुक्त के तहत लाया गया है। मंत्रिमंडल की ओर से पारित पास किया गया पंजाब लोकायुक्त बिल 2020 राज्य में वर्तमान पंजाब लोकपाल बिल 1996 का स्थान लेगा।

गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने पिछले वर्ष अक्टूबर में ही जस्टिस विनोद कुमार शर्मा को लोकपाल के पद पर नियुक्ति दी है और उन्हें यह पद छह वर्ष के लिए सौंपा गया है। ऐसे में जस्टिस शर्मा की लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति को लेकर संशय के चलते फिलहाल इस बिल को ही रोक लिया गया है।

पंजाब लोकायुक्त बिल के अनुसार लोकायुक्त के पास आने वाली सभी शिकायतों को लोकायुक्त स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से दिया जाएगा। इसी प्रकार सरकार की ओर से किसी मामले पर की जा रही जांच में भी लोकायुक्त जांच का हस्तक्षेप नहीं होगा।

लोकायुक्त के पद पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति की जाएगी और उनके साथ चार सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। लोकायुक्त के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति मुख्यमंत्री विपक्ष के नेता विधानसभा स्पीकर पंजाब हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व कुछ गणमान्य लोगों की एक विशेष चयन समिति द्वारा की जाएगी।

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