जीरकपुर नगर परिषद दफ्तर की लिफ्ट कई वर्षों बंद, बुजुर्ग सीढ़ियां चढ़ने को मजबूर, तस्वीरें बयां कर रही हकिकत
जीरकपुर नगर परिषद दफ्तर में कहने को तो लिफ्ट की सुविधा है लेकिन वह केवल सफेद हाथी साबित हो रही है। यह लिफ्ट बरसों से बंद पड़ी है। मात्र एक या दो बार ही इस लिफ्ट को लोगों के लिए चलाया गया है।
जीरकपुर, जेएनएन। पंजाब को सबसे ज्यादा रेवन्यू देने वाली नगर परिषद जीरकपुर में लोग उस मूलभूत सुविधाओं को तरस रहें है, जिसकी यहां सबसे ज्यादा जरूरत है। नगर परिषद में कहने को तो लिफ्ट की सुविधा है लेकिन वह केवल सफेद हाथी साबित हो रही है। जीरकपुर नगर परिषद की लिफ्ट बरसों से बंद पड़ी है। अगर बात करें तो यह लिफ्ट मात्र एक या दो बार ही इस्तेमाल की गई है। ऐसा नहीं है कि यह लिफ्ट अब खराब हो चुकी है पर इसे क्यों नहीं चलाया जा रहा यह अपने आप मे एक बहुत बड़ा सवाल है।
नगर परिषद की बंद लिफ्टों से सबसे ज्यादा परेशान वे बुजुर्ग हैं, जो प्लॉट रेगुलर करवाने के लिए आ रहे हैं। ऐसे लोगों को तीन मंजिलें चढ़ने की ताकत नहीं होती। पायदान पर बार-बार बैठना पड़ता है। यहां आने वाले बुजुर्गों का कहना है कि जो नगर परिषद अपने दफ्तर की लिफ्टें नहीं चला सकता, वह पूरे शहर को क्या संभालेगा। उन्होंने मांग की है कि बुजुर्गों के लिए नगर परिषद के बाहर काउंटर लगाया जाए।
जीरकपुर नगर परिषद कार्यालय की लिफ्ट न चलाए जाने के कारण सीढ़ियां चढ़ती बुजुर्ग महिला।
जीरकपुर नगर परिषद के प्रशासकीय परिसर में एक लिफ्ट है जोकि ग्राउंड फ्लोर पर मुख्य एंट्री पर बनी है। इसकी मशीनरी में फॉल्ट आने की वजह से इसे बंद किया गया है या यह इसे ना चलाने की कोई ओर वजह है इसका जवाब अधिकारी भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे । इसे आज तक शुरू नहीं करवाया गया। जब से प्रॉपर्टी टैक्स और प्लॉट रेगुलराइजेशन का काम शुरू हुआ है, रोजाना करीब सैकड़ों लोग जीरकपुर नगर परिषद में आ रहे हैं। इनमें तीस फीसदी बुजुर्ग होते हैं। बुजुर्गों के लिए बगैर लिफ्ट दूसरी व तीसरी मंजिल पर जाना बड़ी समस्या बन गया है।
लिफ्ट न चलाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करती महिला बुजुर्ग।
---
"पहले नगर परिषद की लिफ्ट खराब हो गई थी जिसे ठीक करवाकर ऑपरेशनल कर दिया गया था । उसके बाद कोविड-19 के हालातों के मद्देनजर इसे बंद कर दिया था अगर बुजुर्गों की मांग है तो इसे उनके लिए खोलने पर विचार किया जा सकता है।
-संदीप तिवाड़ी, ईओ नगर परिषद