कांग्रेस में नेताओं की अपनी डफली-अपना राग, पार्टी की बजाए सभी खुद के प्रचार में जुटे
Punjab Chunav 2022 पंजाब में विधानसभा का बिगुल बज चुका है लेकिन कांग्रेस नेता अपनी डफली और अपना राग छेड़ने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस के नेता पार्टी की जगह अपने प्रचार में लगे हुए हैं। इससे पार्टी में खींचतान समाप्त नहीं हो रहा है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Chunav 2022: पंजाब मं विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, लेकिन कांग्रेसे के नेताओं में एकजुटता की जगह खुद को आगे करने की होड़ लगी हुई है। चुनाव आते ही पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 'अपनी डफली-अपना राग' वाला रवैया अपना लिया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हों या कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू या कोई अन्य वरिष्ठ नेता सभी अपना प्रचार करने में जुटे हुए हैं। पार्टी में एकजुटता की कमी साफ दिख रही है।
मुख्यमंत्री की इंटरनेट मीडिया टीम रोज नए वीडियो डाल कर उनके स्टाइल और आम आदमी की छवि को प्रचारित कर रही है। कांग्रेस का सारा प्रचार उनके इर्द-गिर्द ही है। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू हर जगह अपने पंजाब माडल की बात कर रहे हैं। सिद्धू ने अपने पंजाब माडल के होर्डिग में पंजाब के किसी नेता को स्थान तक नहीं दिया है। उनकी होर्डिग पर सिद्धू के यू-ट्यूब चैनल 'जीतेगा पंजाब' का लोगो भी लगा हुआ है।
पार्टी के बजाय अपनी-अपनी प्रमोशन में पर जोर दे रहे वरिष्ठ नेता
सिद्धू की एक दिन पहले प्रेस कांन्फ्रेस के दौरान उनके पंजाब माडल की होर्डिग पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का फोटो न होना चर्चा का केंद्र बना रहा। प्रेस कांफ्रेंस में सिद्धू अपने ही माडल की बात करते रहे। सिद्धू इसलिए भी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, क्योंकि उनके पंजाब माडल को लेकर कांग्रेस के ही मंत्री विरोध करते रहे हैं। सिद्धू की होर्डिग में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के फोटो ने पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के गुस्से को और हवा दी है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा कहते हैं कि 'इस बात का जवाब तो सिद्धू ही दे सकते हैं कि पंजाब के नेताओं का फोटो उनकी होर्डिग पर क्यों नहीं है, लेकिन यह तय है कि चुनाव पंजाब कांग्रेस के ही नेतृत्व में लड़े जाएंगे, किसी व्यक्ति के एजेंडे पर नहीं।'
वहीं, लुधियाना में कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के बड़ी-बड़ी होर्डिंग भी चर्चा में हैं। इनमें केवल आशु की फोटो है और लिखा है, 'मैन आफ प्रामिस।' इसमें सिर्फ आशु ही छाए हुए हैं। गौरतलब है कि आचार संहिता लागू होने से पहले हर जगह चन्नी के ही होर्डिग दिखती थी। चन्नी का यह प्रमोशन सिद्धू को कभी पसंद नहीं आया। कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि शायद इसीलिए अब सिद्धू ने अपनी होर्डिग से चन्नी को हटा दिया है।
प्रचार में नहीं दिख रहा तालमेल
कांग्रेस के प्रचार में भी तालमेल नहीं दिख रहा है। हाईकमान ने भले ही चुनाव प्रचार कमेटी का गठन कर इसके चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा की दी हो, लेकिन कांग्रेस के प्रचार में कोई एक कामन एजेंडा नहीं दिख रहा। सिद्धू सरकार पर हमलावर रहते हैं, तो चन्नी का समय इस पर सफाई देते निकल जाता है। सुखजिंदर रंधावा, मनीष तिवारी, सुनील जाखड़, प्रताप बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, रवनीत बिट्टू समेत कई नेता एक-दूसरे पर सवाल उठाते रहते हैं।