जिला अदालत में धरने पर बैठे वकील, बोले- क्लाइंट को चेंबर में बुलाने की मिले छूट
वकीलों का कहना है कि जब शहर में सभी धार्मिक स्थल खोल दिए गए है। होटल रेस्टोरेंट खोल दिए गए है तो कोर्ट क्यों नही खोले जा रहे।
चंडीगढ़, [राजन सैनी]। अनलॉक-1 में प्रशासन की तरफ से शहर के लोगो को कई तरह की छूट दी गयी है। सेक्टर-30 और बापूधाम के लोगों के धरना देने की धमकी के बाद प्रशासन ने वहां लोगो को भी कंटेन्मेंट जॉन से बाहर निकाल दिया है और उन्हें भी शहर में घूमने की आजादी मिल गई है। अब इसी कड़ी में जिला अदालत के वकील भी जुड़ गए है।
मंगलवार को वकीलों ने सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत काम्प्लेक्स में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे वकीलों की मांग है कि उन्हें और उनके क्लाइंट को चेंबर में आने की छूट दी जाए। इसके साथ ही कोर्ट में भी हर तरह के केसों को फ़ाइल किया जाए। इस प्रदर्शन में 50-60 वकील शामिल हुए।
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान रविंदर सिंह ने बताया कि जिला अदालत में करीब 3200 वकील काम करते है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जिला अदालत में सिर्फ जरूरी केसों की फाइलिंग और सुनवाई की जा रही है। इसके अलावा वकील अपने चेंबर में किसी भी क्लाइंट को नहीं बुला सकता। जब शहर में सभी धार्मिक स्थल खोल दिए गए है। होटल, रेस्टोरेंट खोल दिए गए है, तो कोर्ट क्यों नही खोले जा रहे। रविंदर ने कहा कि उन्हें कोर्ट आकर किसी भी तरह के केस फ़ाइल करने की छूट दी जानी चाहिए, फिर चाहे कोर्ट उसमें अगली सुनवाई छह महीने बाद की तारीख रख कर ले।
इसके अलावा जब तक चेंबर में क्लाइंट को आने की मंजूरी नहीं मिलती, तब तक वे क्लाइंट के केस को कैसे समझे। कई केसों में क्लाइंट की पेशी भी करवानी होती है, लेकिन वकील अब सड़को पर खड़े होकर अपने क्लाइंट की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवा रहे हैं। सभी वकीलों के घर पर उनके अलग से आफिस नहीं है। इसलिए ज्यादातर वकीलों को काम करने के लिए चेंबर में ही आना पड़ता है। जब जिला अदालत में एंट्री लेते ही थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है, तो चेम्बर में क्लाइंट को बुलाने से क्यों रोका जा रहा है। इससे उनके रोजगार पर असर पड़ रहा है। इस धरने में मौजूदा बार एसोसिएशन के उप प्रधान कर्ण सिंह खुल्लर, पूर्व उपप्रधान विनोद वर्मा,पूर्व प्रधान गुरविंदर सिंह,वकील पूजा,वकील निधि शर्मा, वकील रंजीत धीमान और शिव मूर्ति यादव मौजूद रहे।