चंडीगढ़ में निर्भया कांड की बरसी पर वकीलों ने किया विचार-चर्चा का आयोजन, बेटियों के साथ हो रहे मामलों पर चिंता व्यक्त की
आर्य समाज के प्रमुख अजय शर्मा ने कहा कि आज समाज में महिलाएं पुरूषों के बराबर खड़ी हैं लेकिन उसके बाद भी समाज में बेटियों और महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिल रहा। ऐसे में जरूरी है कि हम घटना के बजाए उसके होने के कारणों पर बात करें।
चंडीगढ़, जेएनएन। निर्भया कांड की बरसी पर आर्यसमाज और शहर के वकीलों ने प्लाजा सेक्टर-17 में विचार-चर्चा का आयोजन किया और बेटियों के साथ हो रहे मामलों पर चिंता व्यक्ति की। इस मौके पर आर्य समाज के प्रमुख अजय शर्मा ने कहा कि आज समाज में महिलाएं पुरूषों के बराबर खड़ी है लेकिन उसके बाद भी समाज में बेटियों और महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिल पा रहा जिसकी वह हकदार है। ऐसे में जरूरी है कि हम घटना के बजाए उसके होने के कारणों पर बात करें और उसे ठीक करने पर ध्यान दें। अजय ने कहा कि आज बेटियों सुरक्षित नहीं है जबकि आज वह बेटों के साथ हर क्षेत्र में बराबर खड़ी हो रही है। बेटियों के विकास के बावजूद उन्हें आज भी केवल उपभोग की वस्तु समझा जा रहा है। जो सभ्यता महिलाओं को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती, उसका विनाश निश्चित है। उन्होंने कहा अभी हमारे पास समय है कि हम उठें और सजग होकर बेटियों के विरूद्ध हो रहे अपराधों को रोकने की दिशा में काम करें।
समाज की विडंबना अपनों से ही नहीं सुरक्षित बेटियां
आज शर्मा ने कहा कि बेटियों आज अपने ही भाइयों, सगे-सम्बधियों, सहपाठियों, सहकर्मियों के साथ सुरक्षित नहीं है जिसका सबसे बड़ा कारण हमारी विचारधारा है। जो महिलाओं को कमजोर मानकर अपना रूप दिखाती है। महिलाओं को मिडिया आइटम की तरह पेश किया जा रहा है। छेड़खानी के अपराध को मनोरंजन की तरह दिखाया जाता है। बालीवुड के गीत, फिल्में, नाटक, वेब सीरीज आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। दशकों के इस प्रयास से महिलाओं के प्रति आपराधिक प्रवृति की स्वीकार्यता बढ़ी है।
वहीं इस मौके पर एडवोकेट रितु ने कहा कि आज शहर में ही कई मामले ऐसे सामने आ रहे है जिन पर न तो कानून कड़ी कार्रवाई कर पा रहा है और न ही समाज उन्हें रोकने की दिशा में कोई काम कर रहा है। उन्होंने शहर में हुए विभिन्न केसों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सिटी ब्यूटीफुल के लिए शर्म की बात है कि वह ऐसी घटनाओं को राेकने में नाकाम हो रहा है। इस पर सभी को मिलकर विचार करना चाहिए।
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