दरियाओं की धरती पर आंसुओं का समंदर, विदा हुए पंजाब के चारों शहीद सुपूत
आसुओं के सैलाब के बीच पंजाब के चार शहीद सुपूतों को अंतिम विदाई दी गई। गमगीन माहौल में शहीद सुखजिंदर सिंह, जैमल सिंह, मनिंदर सिंह और कुलवीर सिंह की अंत्येष्टि की गई।
चंडीगढ़, जेएनएन। पांच दरियाओं की धरती पर शनिवार को जैसे आसुंओं का समंदर उमड़ आया। शहीदों के परिवार वालों का दर्द देखकर हर आंख में आंसू आ गए। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के चारों जवानों के पार्थिव शरीर का उनके पैतृक गांवों में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों का अंतिम संस्कार
गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में पंजाब के कोट इसे खां (मोगा) के जैमल सिंह, गंडीविंड (तरनतारन) के सुखजिंदर सिंह, दीनानगर (गुरदासपुर) के मनिंदर सिंह और नूरपुरबेदी (रूपनगर) के कुलदीप सिंह शहीद हो गए थे। 76 बटालियन की टुकड़ी ने हवाई फायर कर शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अंतिम यात्रा में हजारों लोग, राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
मोगा: जैमल को पांच साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, बोला- मुझे मेरे पापा ला दो
सीआरपीएफ के ड्राइवर जैमल सिंह को उनके पांच साल के इकलौते बेटे गुरु प्रकाश सिंह ने मुखाग्नि दी। चाचा नसीब सिंह की गोद में गुरु प्रकाश बार-बार बोल रहा था, 'मुझे मेरे पापा ला दो। मैंनू मेरे पापा लिया देओ।' लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। पत्नी सुखजीत कौर व मां सुखविंदर कौर का रोते-रोते बुरा हाल था।
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तरनतारन: सुखजिंदर की पत्नी बोलीं- ताबूत खोल के पति के दर्शन तो करा दो
सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल सुखजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाना शुरू कर दिए। शहीद की पत्नी सरबजीत कौर पति के अंतिम दर्शन करवाने की गुहार लगाती रही, लेकिन ताबूत नहीं खोला गया। कैबिनेट मंत्री सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया ने कहा कि पाक को कीमत चुकानी पड़ेगी।
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दीनानगर: मनिंदर को बहनों ने सेहरा और राखी बांध दी विदाई
गुरदासपुर के दीनानगर के शहीद मनिंदर सिंह का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जब घर लाया गया तो पिता सतपाल, भाई लखङ्क्षवदर ङ्क्षसह और बहनें गगनदीप, शबनम और शीतल बेहाल हो उठे। बहनों ने भाई के ताबूत पर ही सेहरा और राखी बांध अंतिम विदाई दी। भाई लखविंदर सिंह ने कहा कि भाई की शहादत पर गर्व है। पाकिस्तान कायरों की तरह वार करता है। हिम्मत है तो आमने-सामने की लड़ाई करे।
बहन अंतिम दर्शन के लिए गुहार लगाती रही। सीआरपीएफ के अधिकारी ने उन्हें संभालते हुए कहा 'तुम्हारा भाई अमर हो गया है। कभी जरूरत पडऩे पर आवाज लगाना हम हाजिर हो जाएंगे।' केंद्रीय मंत्री राज्य मंत्री विजय सांपला व कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ने भी श्रद्धांजलि दी।
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नूरपुरबेदी: तिरंगे को हाथों में उठा बोले कुलविंदर के पिता- बेटे की तरह संभाल कर रखूंगा
रूपनगर के गांव रौली के शहीद कुलविंदर सिंह की मां बेटे का पार्थिव शरीर देख बेहाल हो गई। मंगेतर के विलाप से हर व्यक्ति की आंखों में आंसू आ गए। वह बार-बार शहीद के ताबूत की तरफ जाने की कोशिश करती रही, लेकिन लोगों ने उसे संभाल लिया। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहीद के पिता दर्शन सिंह को तिरंगा सौंपा। तिरंगे को हाथों में उठा दर्शन सिंह बोले, 'मैं अपने बेटे की तरह इसे संभाल कर रखूंगा। अब इसमें ही मेरा बेटा है। बेटे की शादी की तैयारियां धरी रह गईं। पाक धोखे से न मारता तो बेटा दुश्मनों को मार कर ही शहीद होता।
मैं मामूली ट्रक ड्राइवर था। अब शहीद दा पिता कहलाऊंगा।' माता-पिता और रिश्तेदार अंतिम बार पार्थिव शरीर के दर्शन देख नहीं पाए।
पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी
शहीद जवानों के अंतिम संस्कार के समय बहुत सारे लोग रो पड़े। लोगों ने शहीद जवान अमर रहें और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। लोगों ने एक आवाज में कहा कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
शोक में बंद रहे बाजार रहे बंद
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब के कई जिलों में शनिवार को बाजार बंद रहे। मोगा, तरनतारन, रूपनगर, गुरदासपुर व अमृतसर में स्थानीय व्यापारियों ने आधे से पूरे दिन के लिए दुकानें बंद रखीं।