जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी, नहीं बढे़ंगी एमबीबीएस की 50 सीटें
सीटें 100 से 150 होने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) में एमबीबीएस की सीटें 100 से 150 होने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र से सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव था, लेकिन इससे पहले ही जीएमसीएच-32 द्वारा गठित रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट ने फिलहाल सीटें बढ़ाने से साफ इन्कार कर दिया है। कमेटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार रिव्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) स्टेंडर्ड के हिसाब से जीएमसीएच-32 के पास एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। कमेटी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को पहले जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरा करने को कहा है। 9 सदस्यों की कमेटी ने दी रिपोर्ट
एमबीबीएस सीटें बढ़ाने को लेकर एमसीआइ को इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी रिपोर्ट देनी होती है, जिसके बाद एक हाईपावर कमेटी इंस्पेक्शन करती है। सूत्रों के अनुसार जीएमसीएच-32 के ही जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एके अत्री की अध्यक्षता में डॉक्टरों की 9 सदस्यों की कमेटी गठित की गई थी। करीब तीन मी¨टग के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि एमबीबीएस सीटों को 100 से 150 करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जीएमसीएच में नहीं है। कमेटी ने रिपोर्ट में विस्तार से स्टाफ, इन्फ्रास्ट्रक्चर फेसिलिटी के बारे में रिपोर्ट में बताया है। ये खामियां गिनाई
-कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट में बताया गया कि एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए 200 लोगों के लिए लेक्चर थियेटर होना चाहिए, जिसकी कैपेसिटी अभी 100 है।
-सभी स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की सुविधा भी होनी चाहिए, लेकिन अभी 75 हॉस्टल सीट हैं।
-नर्सिग स्टाफ से लेकर टी¨चग स्टाफ भी पूरा नहीं है।
-11 अतिरिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर की जरूरत बताई गई है।
-5 डिप्टी नर्सिग सुपरिंटेंडेंट और 7 असिस्टेंट नर्सिग सुपरिंटेंडेंट की भी नियुक्ति करनी होगी। 1991 में 50 सीटों से शुरू हुआ था एमबीबीएस कोर्स
जीएमसीएच-32 में 1991 में 50 सीटों के साथ एमबीबीएस कोर्स शुरू किया गया था। जिसके बाद 2017 में एमबीबीएस और पीजी कोर्स की सीटों को बढ़ाकर 100 कर दिया गया। नॉर्थ रीजन में चंडीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला काफी मुश्किल से मिला है। नीट एंट्रेंस से ही यहां दाखिला मिलता है। पेरेंट्स और स्टूडेंट्स काफी समय से एमबीबीएस सीटों को 150 करने की मांग कर रहे हैं। सांसद किरण खेर और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन भी केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा को सीटें बढ़ाने के लिए लिख चुके हैं। 19 एमबीबीएस स्टूडेंट फेल, पीयू से मांगी अनुमति
सूत्रों के अनुसार जीएमसीएच-32 से एमबीबीएस कर रहे 19 स्टूडेंट्स विभिन्न विषयों में फेल हो गए हैं। एमबीबीएस कोर्स की पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन है। फेल हुए छात्रों के करियर को बचाने को लेकर जीएमसीएच-32 प्रबंधन ने इन स्टूडेंट्स को री-अपीयर का चांस देने के लिए पीयू प्रशासन को चिट्ठी तक लिखी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले की फाइल फिलहाल कुलपति के पास है, जिसपर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। मामला ¨सडीकेट में भी आ सकता है।