कोविड सेस से हुई डेढ़ करोड़ की कमाई, लेकिन एमसी के पास खर्च करने का अधिकार नहीं
कोविड सेस के तहत हुई आमदनी की राशि नगर निगम भी खर्च कर सके इसके लिए प्रशासन की ओर से गृह मंत्रालय से मंजूरी मांगी गई है।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। शराब-बीयर की हर बोतल पर कोविड सेस लगाने से डेढ़ करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इसके लिए अलग से कोविड फंड भी बनाया गया है, जो कि नगर निगम के पास है। मगर इसमें से एक पैसा भी खर्च करने का अधिकार नगर निगम को नहीं है। एक माह पहले प्रशासन की ओर से शराब पर पांच फीसद कोविड सेस लगाया गया था। कोविड सेस के तहत हुई आमदनी की राशि नगर निगम भी खर्च कर सके, इसके लिए प्रशासन की ओर से गृह मंत्रालय से मंजूरी मांगी गई है। हालांकि अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
यह स्थिति तब है जब नगर निगम में वित्तीय संकट गरमाया हुआ है। गौरतलब है कि इस तरह के सेस से एकत्र फंड अभी तक केंद्र सरकार के कंसॉलिडेटेड फंड में ही जाता रहा है।
प्रतिदिन एमसी का हो रहा पांच लाख रुपये खर्च
कोरोना संकट की स्थिति में इस समय नगर निगम का प्रतिदिन पांच लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च हो रहा है। प्रशासन चाहता है कि कोविड सेस से होने वाली कमाई एमसी को ही मिले। इस समय कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद मरीज के संपर्क में आने वालों को नगर निगम की ओर से ही क्वारंटाइन किया जाता है। इसके साथ ही मरीज के घर राशन और सब्जी की सप्लाई के अलावा यहां से गारबेज उठाने की जिम्मेदारी भी एमसी के पास है। वहीं शहर को सैनिटाइज करने का काम भी नगर निगम की ओर से किया जा रहा है। इसलिए एमसी की ओर से पीपीई किट भी खरीदी जा रही है।
काऊ सेस से हुई 60 हजार की आमदनी
काऊ सेस से भी नगर निगम को कमाई हो रही है, लेकिन अभी तक काऊ सेस से नगर निगम को सिर्फ 60 हजार रुपये की कमाई हुई है। अब एक अप्रैल से खरीदी जाने वाली हर नई कार पर 500 रुपये और दोपहिया वाहन पर 200 रुपये गो सेस चार्ज किया गया है। बीयर और देसी शराब पर पांच रुपये और अग्रेजी व्हिस्की पर दस रुपये प्रति बोतल काऊ सेस लग गया है। बिजली की हर यूनिट पर भी दो पैसे गो सेस चार्ज किया जा रहा है। गो सेस से होने वाली कमाई की राशि आवारा मवेशियों से निजात दिलवाने पर खर्च की जाएगी। इस समय शहर में तीन गोशालाएं हैं। नगर निगम ने रायपुर कलां में नई गोशाला बनाने का फैसला लिया है।
कोविड सेस लगाने का फायदा नहीं : बंसल
पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल का कहना है कि वह शराब पर लगने वाले टैक्स के विरोध में नहीं है, लेकिन उन्हें लगता है कि प्रशासन की ओर से जो कोविड सेस लगाया गया है, उसका शहर को कोई फायदा नहीं मिलेगा। यह आमदनी केंद्र सरकार के कंसॉलिडेटेड फंड में ही जाएगी।
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