कोठी के कागजात अटेस्ट करने वाले पीके दास को कोर्ट का समन
सेक्टर-37 स्थित विवादित कोठी को हड़पने के मामले में जिला अदालत ने सख्ती दिखा दी है। इस मामले में पुलिस की ओर से पीके दास को गवाह बनाया गया है लेकिन वह अदालत से बार-बार समन के बावजूद गवाही के लिए नहीं आ रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-37 स्थित विवादित कोठी को हड़पने के मामले में जिला अदालत ने सख्ती दिखा दी है। इस मामले में पुलिस की ओर से पीके दास को गवाह बनाया गया है, लेकिन वह अदालत से बार-बार समन के बावजूद गवाही के लिए नहीं आ रहा है। इस बात को लेकर अदालत ने एक बार फिर से दास को समन भेज कर एक जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। दास ने ही कोठी के कागजात को नोटरी से अटेस्ट किया था।
अदालत में हुई पिछली सुनवाई में भी पीके दास नहीं आया था जिसके बाद अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख डाल दी थी। 11 बार नोटिस भेजने पर जहां एक ओर तीन बार ही दास अदालत आया, वहीं दो बार उसकी तरफ से उसका बेटा सुनवाई पर अदालत के सामने पेश हुआ। जब भी अदालत की ओर से दास को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया गया, वह नहीं आया। पांच महीने से केस का ट्रायल चल रहा है और गवाही तो दूर की बात है दास अदालत में पेश ही नहीं हो रहा। सात अप्रैल और 17 अप्रैल को उसके बेटे ने अदालत में पेश होकर अगली तारीख पर दास के पेश होने का आवश्वासन दिया था।
इस केस में कुल 128 गवाह हैं और अभी तक केवल सात गवाहों के बयान ही हो सके हैं। पीके दास के अलावा कोठी मालिक राहुल मेहता, टेनिस खिलाड़ी अनुपम छेत्री, गुजरात के भुज के जिस आश्रम में राहुल को रखा गया था वहां से अब्दुल कासिम बजानिया, हेड कांस्टेबल शुभकरण सिंह, सब रजिस्ट्रार आफिस का क्लर्क दिनेश देवगन, इस केस का शिकायतकर्ता सीता राम और उसके बेटे प्रदीप रत्न को समन भेजे गए हैं, लेकिन इनकी गवाही अभी तक नहीं हुई।