दूध व सब्जी के पड़ सकते हैं लाले, किसान शहरों में रखेंगे सप्लाई बंद
किसानों ने 1 से 10 जून तक शहरी क्षेत्रों में दूध व सब्जी की सप्लाई बंद करने की घोषणा की है। इसके लिए किसानों को लामबंद किया जा रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। एक जून से शहरी लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक शहरों में दूध व सब्जी की सप्लाई बंद करने की घोषणा की है। किसान संगठनों का कहना है कि इस दौरान किसान भी शहरों से कोई चीज नहीं खरीदेंगे। हालांकि यह राहत जरूर है कि अगर शहरी लोग गांव में आकर दूध, सब्जी खरीदने आते हैं तो उन्हें यह उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
कर्जमाफी और सभी फसलों की खरीद यकीनी बनाने व लागत पर 50 फीसद लाभ आदि की मांगों को लेकर किसानों ने दूध, सब्जी की सप्लाई बंद करने की तैयारी के मद्देनजर किसान संगठन सक्रिय हैं। संगठन गांव-गांव में मुनादी कर किसानों को लामबंद करने में जुटे हैं। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल समेत पंजाब के तमाम किसान संगठन इस मुद्दे को लेकर एक मंच हैं।
गांव-गांव में इन दिनों चल रही मुनादी में किसानों को इसमें शामिल होने की अपील की जा रही है। हालांकि लोगों को तकलीफ न हो इसके लिए यह भी कहा जा रहा है कि अगर शहरी लोग अपनी जरूरत की चीजें खुद उनके यहां आकर लेना चाहे तो वे अपने रेटों के अनुसार उन्हें जरूरत की वस्तुएं दे सकते हैं। भाकियू प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को परेशान करना नहीं, बल्कि सोई हुई सरकार को जगाना है।
मुहिम प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री दविंदर शर्मा की अगुवाई में चल रही है। उन्होंने बताया कि किसानों की सबसे बड़ी मांग उन्हें 18 हजार रुपये महीना आय सुनिश्चित करवाना है। इसके अलावा हमने यह भी कहा है कि किसानों के समूचे कर्ज पर लकीर फेरी जाए, अन्यथा किसानों को आत्महत्याओं के रूझान से बाहर नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने बताया कि आंकड़ें बताते हैं किसानों पर चढ़ा हुआ कर्ज, कर्ज नहीं है बल्कि सरकार द्वारा उन्हें उनकी फसलों की पूरी कीमत न देने के कारण चढ़ा है। दो दिन पहले शनिवार को इस मुद्दे को लेकर कई किसान संगठनों की इस मुद्दे पर चंडीगढ़ के किसान भवन में मीटिंग भी हुई थी जिसमें सारी रणनीति तय की गई। इस आंदोलन को लेकर किसानों में काफी उत्साह है।
आज सौंपे जाएंगे सरकार को ट्रैक्टर
उधर, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी किसानों में गुस्सा है। भाकियू के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि एक ओर किसानों को उनकी फसल की पूरी कीमत न देकर कर्जाई किया जा रहा है जबकि दूसरी ओर उनकी आउटपुट को पूरी तरह से बाजार के हवाले कर दिया गया है। इन दिनों जब धान की रोपाई शुरू होनी है, डीजल के दाम आये दिन बढ़ाकर किसानों की पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है। किसानों ने फैसला किया है कि एक हजार से ज्यादा ट्रैक्टर वह एसडीएम समराला के माध्यम से सरकार के हवाले करके खेती से हाथ खड़े कर देंगे।
राजेवाल ने आरोप लगाया कि डीजल की कीमतों को बाजार के हवाले करके केंद्र सरकार ने पिछले चार साल में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपया कमाया है। यही नहीं, बड़े घरानों की तेल रिफाइनरियों को मुनाफा कमाकर दिया जा रहा है। राजेवाल ने कहा कि जिन सड़कों को विकास का नाम दिया जा रहा है वे सभी प्राइवेट कंपनियों से टोल पर बनवाई जा रही हैं। राजेवाल ने बताया कि 29 मई को सुबह नौ बजे से 12 बजे तक लुधियाना चंडीगढ़ मार्ग बंद रहेगा, इसलिए लोग इस रूट पर न आएं।