पटाखे चलाते समय इन बातों का रखें ध्यान.. ताकि दिवाली न दे जाए कोई दाग
स्किन स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि बच्चों के साथ पटाखे जलाते वक्त बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि दिवाली पर जलने की सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं बच्चों के साथ ही होती हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। रोशनी के त्योहार को मनाते समय अगर सावधानी नहीं बरती गई तो जिंदगीभर न जाने वाले दाग मिल सकते हैं। इसलिए पटाखे जलाते समय विशेष तौर पर सजग रहने की जरूरत है। अगर उस दौरान अनदेखी या लापरवाही की गई तो जलने का संक्रमण फैलने से स्थिति गंभीर हो सकती है। स्किन स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि बच्चों के साथ पटाखे जलाते वक्त बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि दिवाली पर जलने की सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं बच्चों के साथ ही होती हैं।
80 फीसद मामले बच्चों के
नेशनल स्किन हॉस्पिटल के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि दिवाली पर आने वाले 80 प्रतिशत मामले बच्चों से जुड़े होते हैं। ये सभी घर पर ही पटाखा जलाते वक्त दुर्घटना के शिकार होते हैं। थोड़ी सावधानी से इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। डॉ. शर्मा ने दुर्घटना होने पर फस्र्ट एड के साथ ही कुछ अन्य जरूरी टिप्स भी दिए। उनके अनुसार जले हुए भाग पर ठंडा पानी डालें। उसके आसपास के कपड़े हटा दें। बर्फ का प्रयोग न करें। मक्खन, ग्रीस, पाउडर, टूथपेस्ट, आटा आटा, तेल आदि न लगाए। इसके बजाय सिल्वर सल्फाइडजाइन, सोफ्रामाइसिन जैसे एंटीबायोटिक का प्रयोग करें। इससे गर्मी उस स्थान से अन्य भाग में फैलता है जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है। जबकि घरेलू उपचार करने से जले स्थान की गर्मी अंदर ही रह जाती है। अगर बहुत कम स्थान जला हो तो वहां उसे सॉफ्ट कपड़े से कवर करें। 24 घंटे के दौरान उस स्थान को हल्के कपड़े से ड्रेसिंग करके रखें।
इमरजेंसी में तत्काल दिखाएं डॉक्टर को
अगर दुर्घटना बड़ी हो तो समय बर्बाद करने के बजाय तत्काल डाक्टर के पास जाएं। अगर दुर्घटना बच्चे के साथ हुई हो तो उसे गीले कपड़े में लपेटने की गलती न करें, ऐसा करने से उसके शरीर का तापमान गिर सकता है। जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। बेहतर होगा कि उस भाग को साफ और मुलायम कपड़े से कवर करके डॉक्टर के पास ले जाएं।
गौर करने वाली महत्वपूर्ण बातें
>>बर्फ की सिकाई से जलन खत्म हो जाएगी लेकिन बर्फ उस स्थान पर खून जमा सकती है जिससे रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इसलिए बर्फ का प्रयोग करने से बचें।
>>बर्फ की सिकाई करने पर फफोले पड़ने की संभावना कम नहीं होती बल्कि इससे आपकी परेशानी बाद में बढ़ सकती है। इसलिए सावधानी जरूर बरतें।
>>कभी भी जले हुए स्थान पर रूई का प्रयोग भूल कर भी न करें। यह त्वचा पर चिपक सकती है जिससे आपको अधिक जलन होगी। इसके अलावा बैक्टीरिया पनपने की संभावना भी होगी।
>>जले हुए स्थान पर अगर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे उतारें नहीं, इससे त्वचा के निकलने का खतरा होता है।
पटाखे में प्रयुक्त रसायनों से होने वाले दुष्प्रभाव
>>कॉपर- श्वसन तंत्र की जलन
>>कैडमियम- एनीमिया और गुर्दे को नुकसान
>>लीड- तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है
>>मैग्नीशियम- धूल और धुएं से धातु के धुएं का बुखार होता है
>>मैगनीज- भावनात्मक गड़बड़ी, स्पास्टिक गैट और पक्षाघात
>>सोडियम- नमी के साथ हिंसक प्रतिक्रिया करें और त्वचा पर हमला कर सकते हैं
>>जस्ता-उल्टी की ओर जाता है
>>नाइट्रेट- मानसिक हानि हो सकती है
>>नाइट्राइट- कोमा में ले जा सकता है।
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