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कठुआ सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा हाईकोर्ट

कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में हाई कोर्ट ने पठानकोट अदालत के फैसले के खिलाफ अभियुक्तों की अपीलों पर एक साथ सुनवाई करने के निर्देश जारी किए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 03:47 PM (IST)
कठुआ सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा हाईकोर्ट
कठुआ सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा हाईकोर्ट

जेएनएन, चंडीगढ़। कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड मामले में पीडि़ता के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए वीरवार को जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इस मामले को लंबे समय के टाला नहीं जा सकता। पीडि़ता के पिता ने याचिका दायर कर पठानकोट अदालत की तरफ से दोषी ठहराए गए छह अभियुक्तों की सजा बढ़वाने की मांग थी।

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जस्टिस राजीव शर्मा ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि अदालत न्याय करने के लिए है और ऐसे मामले को लंबे समय लटकाया नहीं जा सकता। इसके बाद उन्होंने पीडि़ता के पिता की याचिका और पठानकोट अदालत के फैसले के खिलाफ अभियुक्तों की अपीलों पर एक साथ सुनवाई करने के निर्देश जारी किए।

जस्टिस शर्मा ने यह टिप्पणी तब की जब इस मामले में जम्मू और कश्मीर सरकार की पैरवी करने आए सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा ने थोड़ी लंबी तारीख दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर सरकार इन दिनों इस मामले में एक अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने सुनवाई को कम से कम चार सप्ताह के लिए टाले जाने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले का रिकॉर्ड काफी बड़ा है, जिसमें अभियोजन पक्ष ने 114 गवाहों की गवाहियां दर्ज की थीं।

मामले में मुख्य अभियुक्त सांझी राम के वकील जेएस बेदी ने भी चीमा की इस मांग का समर्थन किया। चीमा की सुनवाई को 15 अगस्त के बाद तक के लिए स्थगित किए जाने की मांग को अस्वीकार करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा ने कहा कि अगर अदालत ने इस मामले को नहीं सुना तो यह लंबे समय तक लटकता रहेगा। जस्टिस शर्मा ने कहा कि ऐसा कौन सा मामला होता है, जिसका रिकॉर्ड बड़ा न हो। उन्होंने कहा कि अगर अन्य पक्षों के वकील अपनी दलीलें पेश करने के लिए तैयार नहीं है तो उन्हें ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड नहीं मंगवाना चाहिए था।

दोषी पुलिस अधिकारियों के वकील ने की सजा निलंबित करने की मांग

सुनवाई के दौरान, दोषी ठहराए गए तीन पुलिस अधिकारियों के वकील ने उनकी सजा निलंबित किए जाने की मांग की, जिसका विरोध करते हुए पीडि़ता के पिता के वकील उत्सव बैंस ने कहा कि यह सिर्फ साक्ष्यों से छेड़छाड़ का मामला न होकर किसी को हत्या के लिए उकसाने का मामला है। सुनवाई को 7 अगस्त तक स्थगित करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा ने कहा कि अदालत इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी।

पीडि़ता के पिता ने कहा, ट्रायल कोर्ट ने बरती नरमी, मिले फांसी की सजा

पठानकोट अदालत की तरफ से इस मामले में छह अभियुक्तों को सुनाई गई सजा को नाकाफी बताते हुए मृतका के पिता ने याचिका में कहा है कि यह मामला 'रेअरेस्ट ऑफ दि रेअर' की श्रेणी में आता है और अभियुक्तों को सजा देने में ट्रायल कोर्ट ने नरमी बरती है। उन्होंने पठानकोट अदालत द्वारा बरी किए गए सातवें आरोपी विशाल जंगोत्रा की रिहाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही सभी दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है।

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