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कैंथ ने शाह को पत्र लिखकर मांगा मिलने का समय

सतीश कैंथ ने अमित शाह से मिलने का समय मांगा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 10:50 PM (IST)
कैंथ ने शाह को पत्र लिखकर मांगा मिलने का समय
कैंथ ने शाह को पत्र लिखकर मांगा मिलने का समय

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भाजपा से बागी होकर मेयर चुनाव लड़ने वाले पार्षद सतीश कैंथ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। कैंथ ने मंगलवार को पत्र लिखकर मेयर चुनाव में उम्मीदवार तय करते समय अपनाई गई प्रक्रिया के लिए स्थानीय अध्यक्ष और नेताओं पर आरोप लगाए हैं। कैंथ ने पत्र में कहा है कि मेयर चुनाव के लिए जो उम्मीदवार तय किया गया है और इस गलत निर्णय से शहर में भाजपा की काफी किरकिरी हुई है। पार्टी की इस समय शर्मनाक स्थिति हो गई है। कैंथ ने बताया कि उन्होंने पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाकर मेयर का चुनाव लड़ा, जिसमें 5 वोट से हार गए। कैंथ का दावा है कि भाजपा पार्टी के 7 से 8 वोट क्रॉस होकर उन्हें पड़े हैं। मालूम हो कि भाजपा इस समय 5 वोट क्रॉस होने का दावा कर रही है। कैंथ ने पत्र में कहा है कि अंदर से अधिकतर सीनियर लीडर उनके साथ थे। मेयर चुनाव के बाद भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने वोट क्रॉस करने वाले पार्षदों की पहचान के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया। जिसमें भाजपा के ही एक पार्षद रवि शर्मा को सदस्य बनाया गया, जबकि वह खुद मेयर चुनाव में मतदाता थे। ऐसे सदस्य को कमेटी में शामिल किया, जो खुद वोटर था

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कैंथ का कहना है कि ऐसे में उन्हें सदस्य बनाकर पहले से ही भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने एडवांस में क्लीन चिट दे दी है, जोकि गलत है। टंडन ने जो कमेटी का गठन किया है, उसमें पार्षद रविकांत शर्मा के अलावा महासचिव चंद्रशेखर को सदस्य बनाया गया है। इस सभी चीजों से शहर में पार्टी की छवि काफी खराब हुई है। इसके अलावा कई अहम बातें हैं, जोकि वह मिलकर उन्हें बताना चाहते हैं, इसलिए उन्हें कभी भी 5 मिनट का मिलने का समय दिया जाए। वे पार्टी के मेहनती सिपाही हैं। कई नेताओं की कैंथ को सलाह : न जाओ कांग्रेस में

भाजपा के कई नेता और पार्षद सतीश कैंथ के संपर्क में हैं। जबकि मेयर चुनाव का परिणाम आने के बाद ही कैंथ को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। कई नेता कैंथ को यह सलाह दे रहे हैं कि वह अभी कांग्रेस या अन्य दल में न जाएं और संजय टंडन भाजपा के अध्यक्ष पद से हटने वाले हैं। कोई नए अध्यक्ष के बनने के बाद उनकी फिर से पार्टी में ज्वाइ¨नग हो जाएगी। मालूम हो कि अभी पार्षदों के कार्यकाल का तीन साल का समय बचा हुआ है। अभी मैं कहीं नहीं जा रहा

सतीश कैंथ का कहना है कि अभी वह किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। बेशक भाजपा ने उन्हें निकाल दिया है, लेकिन वह पार्षद के तौर पर लोगों का काम करते रहेंगे। भाजपा उन्हें काम करने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। शाह से मिलकर पूरे मामले से अवगत करवाया जाएगा, ताकि जो पार्टी की किरकरी हुई है, उन्हें भी पता लगे।


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