जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी : अमरिंदर
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों से बेअदबी के मामले में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में रखी जाएगी। इसमें दोषी पाए गए लोगों पर कार्रवाई होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में बेअदबी के मामलों पर जस्टिस (रिटा.) रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के आगामी सत्र में पेश की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी के सीनियर नेताओं के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अभी तक इस रिपोर्ट का पहला हिस्सा प्राप्त किया गया है और इसकी कानूनी जांच की जा रही है। रिपोर्ट के बाकी हिस्से भी जल्दी आने की उम्मीद है और मुकम्मल रिपोर्ट हासिल होने पर इसको कार्रवाई रिपोर्ट के साथ विधानसभा के आगामी सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विधायक राणा गुरजीत सिंह, किक्की ढिल्लों व परगट सिंह समेत पार्टी के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श के दौरान यह विचार साझे किए। आयोग ने बीती 30 जून को बरगाड़ी बेअदबी की घटना, बहबल कलां गोली कांड से संबंधित और कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों संबंधी अपनी रिपोर्ट का पहला हिस्सा मुख्यमंत्री को सौंपा था। मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए सुझाव देने को राय के गृह सचिव और एडवोकेट जनरल को सौंप दिया था।
अकाली दल ने धरने को सरकार समर्थित बताया
दूसरी ओर, बेअदबी कांड को लेकर बरगाड़ी (फरीदकोट) में सिख संगठनों द्वारा दिए जा रहे धरने को लेकर राजनीति सरगर्म है। अकाली दल इस धरने को सरकार समर्थित बता रहा है। कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा इस धरने में शामिल हो चुके हैैं और धरने का नेतृत्व करने वालों से बात कर चुके हैैं। सरकार को धरना खत्म करने में सफलता नहीं मिल रही है।
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जोरा सिंह आयोग की जांच की थी रद
कैप्टन सरकार ने अकाली-भाजपा सरकार द्वारा बनाए ज़ोरा सिंह आयोग की जांच को 'अस्पष्ट' बताते हुए रद कर दिया था। इसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की अलग-अलग घटनाओं की जांच के लिए अप्रैल, 2017 में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग का गठन किया था।