पीयू में नए एसोसिएट डीन और वार्डन लगने को लेकर जुगाड़ शुरू
6 हॉस्टलों में लगने हैं वार्डन , कैंडिडेट्स ने की शुरू की लॉबिंग।
डॉ रविंद्र मलिक , चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी में छह हॉस्टलों के वार्डन रखे जाने हैं जिनके लिए इंटरव्यू इसी माह होने हैं। इसके लिए कई कैंडिडेटस जुगाड़ फिट करने में लगे हैं। हाई लेवल तक की लॉबिंग पीयू में शुरू हो गई है। इसी मामले में एसोसिएट डीन के मामला का भी पेंच फंस गया है। कहा जा रहा है कि उनकी कार्यकाल खत्म हो गया है लेकिन इंटरव्यू तक उनको रखा जाएगा। जबकि इसी मामले में दूसरा पहलू यह है कि उनका कार्यकाल 31 मई तक बचा । लेकिन सवाल यह है कि उनका कार्यकाल 31 मई तक है तो अप्रैल की सिंडिकेट में नए एसोसिएट डीन के नाम पर मुहर लगाने की क्या जरूरत थी । 26 मई को होने वाली बैठक में नए डीन प्रो रंजन का प्रपोजल लाया जा सकता था । इसको अप्रैल में ही पास करने की क्या जरूरत थी । वार्डन के इंटरव्यू में एसोसिएट डीन भी बैठते हैें तो उनकी महता समझी जा सकती है। एसोसिएट डीन का कार्यकाल 3 साल का होता है लेकिन वह बीच में ही छोड़ रहे हैं।
वार्डन को मिलती हैं बेहतरीन सुविधाएं
हॉस्टल के वार्डन को बेहतरीन सुविधाएं मिलती हैं। इसमें आलीशान मकान से लेकर बड़े गार्डन , माली , वेटर तक की सुविधा शामिल है। ऐसे में वार्डन बनने का मोह कैंडिडेट को होना वाजिब है।
6 नए वार्डन को लेकर तो नही सारा खेल
पीयू में छह नए वार्डन रखने हैं और इसके लिए इसी महीने इंटरव्यू है। इन इंटरव्यू में डीन महिला और डीन पुरूष विंग के अलावा एसोसिएट डीन की भूमिका होती है। हॉस्टल नंबर 1 और 2 सहित चार गर्ल्स हॉस्टल में वार्डन लगाने हैें वहीं ब्वॉयज में 1 और 6 नंबर में वार्डन रखे जाने हैें। इन पदों के लिए नए कैंडिडेटस ने लॉबिंग शुरू कर दी है। सब अपने अपने आकाओं के चक्कर काटने लगे हैं।
डीयूआइ , एसवीसी और एसोसिएट डीन पर एक ही बैठक में मुहर लगी थी
अप्रैल माह में सिंडिकेट की बैठक हुई थी । डीयूआइ ज्वाइन कर चुके हैें। वीसी के नए सेक्रेटरी प्रो एएस आहलूवालिया ने भी ज्वाइन कर लिया था लेकिन एसोसिएट डीन प्रो रंजन नहीं कर पाए । कहा गया कि एसोसिएट डीन प्रो रत्तन का कार्यकाल 31 मई तक है ।
16 आवेदन आ चुके हैं
फिलहाल तक गर्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टलों के वार्डन के लिए 16 आवेदन आ चुके हैें। इनमें से 9 गर्ल्स विंग के लिए तो 7 ब्वॉयज के लिए । प्रोफेसर के अलावा कोई भी टीचर इसके लिए आवेदन कर सकता है।
पारदर्शिता होनी चाहिए
सीनियोरिटी के आधार पर वार्डन लगाए जाने चाहिए । इसके लिए पूरी प्रक्त्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए । योग्य उम्मीदवारों को ही वार्डन लगाया जाना चाहिए ।
प्रो राजेश गिल, पुटा अध्यक्ष