जनरल जेजे सिंह बोले- मैं बब्बर शेर, मेरा मुकाबला करने वालों में होनी चाहिए यह खूबी
जेजे सिंह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने 47 साल भारतीय सेना में रहकर देशसेवा की है। अब राजनीतिक रूप से सेवा करना चाहते हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल जेजे सिंह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने 47 साल भारतीय सेना में रहकर देशसेवा की है। अब वह राजनीतिक रूप से देश की सेवा करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने पटियाला से अकाली दल के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन अंदरखाते अकाली दल और कांग्रेस की जुगलबंदी के कारण उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। जनरल जेजे सिंह (retd) अब SAD (टकसाली) में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को अपना नेता मानते हैं।
जनरल सिंह ने कहा कि उन्हें पटियाला में जितने भी वोट वह अपने बलबूते मिले। सुखबीर बादल ने को बताना चाहिए कि अकाली दल के वोट कहां गए। उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने हमेशा देशसेवा की है। उनके दादा सेना में सिपाही थे। उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लिया। इसके बाद उनके पिता भी आर्मी में गए। वह सेना में अधिकारी रहे और दूसरे विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया। उन्होंने खुद 1964 में कमीशन लिया और आर्मी में सैन्य प्रमुख के पद तक पहुंचे। उनकी तीन पीढ़ियां सेना में रही और देशसेवा की। उन्होंने कहा, 'मैं एक बब्बर शेर हूं। राजनीति में मेरा मुकाबला उससे है जो मेरे से अधिक सेवा भावना रखता हो।'
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में जनरल सिंह ने कहा कि सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। लोगों में डर है। पंजाब बर्बादी के रास्ते पर जा रहा है। नौजवान नशे में चूर हो रहे हैं। राज्य में न इंडस्ट्री का विकास हो रहा है और न किसानों की भलाई का काम हो रहा है। एजुकेशन सिस्टम पूरी तरह से फेल हैं। यह सब देखकर मेरा दिल दुखता है। उन्होंने कहा कि वह अब राजनीतिक रूप से लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इसके लिए राजनीति में आना जरूरी है।