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सिख गुरु को लव-कुश का वंशज बताने पर घिरे जत्थेदार इकबाल सिंह, पंजाब में गरमाई सिख सियासत

श्री राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में दिए बयान के बाद जत्थेदार इकबाल सिंह घिर गए हैं। उनके बयान से पंजाब की सिख सियासत की राजनीति गरमा गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 09:38 AM (IST)
सिख गुरु को लव-कुश का वंशज बताने पर घिरे जत्थेदार इकबाल सिंह, पंजाब में गरमाई सिख सियासत
सिख गुरु को लव-कुश का वंशज बताने पर घिरे जत्थेदार इकबाल सिंह, पंजाब में गरमाई सिख सियासत

जेएनएन, नई दिल्ली/चंडीगढ़। श्रीराम मंदिर भूमि पूजन समारोह में शामिल हुए पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार इकबाल सिंह द्वारा दिए गए बयान के बाद पंजाब में सिख राजनीति गरमा गई है। इकबाल सिंह ने बयान दिया था कि सिख गुरु लव-कुश के वंशज हैं। चंडीगढ़ में गुरुद्वारा श्री कलगीधर निवास में एसजीपीसी की अंतरिम कमेटी की मीटिंग में जत्थेदार के इस बयान की निंदा की गई। एसजीपीसी के प्रधान गोविंद सिंह लोंगोवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोंगोवाल ने कहा कि इतिहास को बिगाड़ना पूर्व जत्थेदार को शोभा नहीं देता।

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शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने उन पर सिख मर्यादा का उल्लंघन करने और इतिहास की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह उनके खिलाफ कार्रवाई करें और उनको तलब कर उनसे इसके सुबूत मांगे। सरना ने कहा कि जत्थेदार इकबाल सिंह को बताना चाहिए कि इतिहास की किस किताब में लिखा गया है कि गुरुनानक देव जी बेदी वंश और दशम पातशाह लव-कुश के वंशज हैं?

उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, एसजीपीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह लोंगोवाल और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह से भी इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) की प्रदेश महिला इकाई की अध्यक्ष व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की उपाध्यक्ष रणजीत कौर ने श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को पत्र लिखकर इकबाल सिंह की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि किसके इशारे पर इस तरह का बयान दिया गया है इसकी जांच होनी चाहिए। संभव है कि इसके पीछे सिख विरोधी ताकतें हैं।

तख्त पटना साहिब के वर्तमान और पूर्व जत्थेदार में ठनी

तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब के वर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन और पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह के बीच ठन गई है। वर्तमान जत्थेदार का कहना है कि पूर्व जत्थेदार ने अयोध्या में हुए कार्यक्रम के दौरान स्वयं को तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब का जत्थेदार बताते हुए शामिल हुए। यही नहीं, उन्होंने समाज को गुमराह करने वाला बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व जत्थेदार के खिलाफ पांचों तख्त के जत्थेदार की बैठक बुलाकर उन्हें तनखैया घोषित कर पंथ से निकाला जा सकता है।

मैंने दशमेश गुरु की वाणियों का उल्लेख किया : इकबाल सिंह

पूर्व जत्थेदार इकबाल सिंह ने मोबाइल फोन पर बताया कि तख्त साहिब के जत्थेदार का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता तब तक वह ही तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार हैं। वर्तमान जत्थेदार को कार्यकारी जत्थेदार माना जाए। वह वर्तमान जत्थेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने समाज को गुमराह नहीं किया बल्कि दशमेश गुरु की वाणियों का उल्लेख करते हुए अपनी बात कही है।


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