Move to Jagran APP

पंजाब में कई जगह जन औषधि केंद्र बंद, जहां खुले हैं वहां पर्याप्त दवा ही नहीं, मंत्री ने विभाग से मांगी रिपोर्ट

पंजाब के कई जिलों में जन औषधि केंद्र बंद हो चुके हैं। जिन जिलों में अभी चल भी रहे हैं वहा पर्याप्त दवा की सप्लाई नहीं है। लोगों को महंगा दवा खरीदनी पड़ रही है। मंत्री विजय सिंगला ने विभाग से इसकी रिपोर्ट तलब कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 09 May 2022 05:38 PM (IST)Updated: Mon, 09 May 2022 05:38 PM (IST)
पंजाब में कई जगह जन औषधि केंद्र बंद, जहां खुले हैं वहां पर्याप्त दवा ही नहीं, मंत्री ने विभाग से मांगी रिपोर्ट
पंजाब के कई जिलों में जन औषधि केंद्र बंद। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम लोगों को महंगी दवा के चक्रव्यूह से बाहर निकालने के लिए लाई गई जन औषधि योजना पंजाब में संकट में फंसती जा रही है। ज्यादातर केंद्रों पर पूरी दवाएं नहीं हैं। वहीं, डाक्टर जन औषधि केंद्रों पर मिलने वाली दवाओं को लिखने के लिए राजी नहीं हैं। इसके कारण जालंधर, अमृतसर और नवांशहर में सरकारी जन औषधि केंद्रों पर ताले लग चुके हैं।

loksabha election banner

कई अन्य जिलों में दवाओं की पूर्ण सप्लाई नहीं है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला ने विभाग से रिपोर्ट तलब कर ली है। उनका कहना है कि आखिर यह सेंटर क्यों बंद हुए, दवाओं की सप्लाई पूरी क्यों नहीं है, इसके कारणों का पता लगाने के बाद इसे दूर किया जाएगा।

केंद्र सरकार द्वारा लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया करवाने के लिए जन औषधि केंद्रों को शुरू किया गया है। इन केंद्रों पर दवा कंपनी के नाम पर नहीं बल्कि साल्ट के आधार पर दवा मिलती है। डाक्टर को पर्ची पर साल्ट लिखना होता है। इन औषधि केंद्रों पर ब्रांडेड दवा के मुकाबले 80 से 85 फीसद कम कीमत पर मरीजों को दवा मिलती है।

डाक्टर साल्ट के बजाय दवा कंपनी के नाम को ज्यादा प्रमुखता देते हैं। वहीं, एक बड़ा वर्ग इस दिशा में भी काम करता है कि जन औषधि केंद्रों को ज्यादा तवज्जो न मिल सके, क्योंकि इससे ब्रांडेड कंपनियों को नुकसान होता है।

‘दैनिक जागरण’ की ओर से जब जिलों में जन औषधि केंद्रों की पड़ताल की गई तो सामने आया कि एक जन औषधि केंद्र पर 1500 से लेकर 1600 किस्म की दवाएं होनी चाहिए, लेकिन फरीदकोट और मोगा के केंद्रों में 600 किस्म की दवाएं है, बाकी जिलों में 200 से 400 से अधिक दवाएं नहीं है।

वहीं, जालंधर, अमृतसर और नवांशहर के केंद्र तो बंद हो चुके हैं। डा. विजय सिंगला का कहना है कि जन औषधि केंद्रों को बंद नहीं होने दिया जाएगा। दवाओं की सप्लाई भी नियमित करवाई जाएगी, क्योंकि लोगों को सस्ती दवाएं मिले आम आदमी पार्टी भी यह ही चाहती है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि डाक्टर साल्ट लिखे, ताकि जिसे जन औषधि केंद्र से दवा लेनी है वह वहां से ले और जिसे मेडिकल स्टोर से दवा लेनी है वह वहां से ले।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.