Move to Jagran APP

जाखड़ बोले, बादल को अगर कुर्बानी देनी है तो सुखबीर को बैठाएं मरणव्रत पर

कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री बादल को एसवाइएल के मुद्दे पर अपने पुत्र व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को मरणव्रत पर बैठाने की सलाह दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 14 Jul 2016 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jul 2016 05:57 PM (IST)
जाखड़ बोले, बादल को अगर कुर्बानी देनी है तो सुखबीर को बैठाएं मरणव्रत पर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक (एसवाइएल) को लेकर पंजाब में राजनीतिक संग्राम होने लगा है। कांग्रेस की तरफ से इसकी कमान पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने संभाली है, जबकि सात्त पक्ष भी बयानबाजी में जुटा है। जाखड़ ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर निशाना साधा। कहा, गुरु तो अपनी कुर्बानी देते थे, जबकि बादल एसवाइएल के मुद्दे पर पंजाबियों की कुर्बानी मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट पंजाब के विरुद्ध फैसला देता है तो वह मरणव्रत पर बैठेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री को चुनौती दे डाली कि अगर उन्हें कुर्बानी देनी हैं तो वह अपने बेटे सुखबीर बादल को मरणव्रत पर बैठने के लिए भेज दें।

loksabha election banner

जाखड़ ने एसवाइएल मुद्दे पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को एक पत्र भी लिखा हैं। कांग्र्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा कि 2004 में पंजाब टर्मीनेशन आफ एग्र्रीमेंट एक्ट 2004 पर राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से राय मांगी है।

पढ़ें : SYL पर जाखड़ का अनशन ड्रामा, कांग्रेस ने पंजाब के पानी पर डाला डाका : बादल

यह जरूरी नहीं कि राष्ट्रपति व केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट की राय पर अमल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री न सिर्फ इस मामले को लेकर लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि पंजाब का माहौल भी खराब करने में जुटे हुए हैं।

पढ़ें : खेमका फिर निशाने पर, मनोहर सरकार ने भी थमाई चार्जशीट, समर्थन में आए विज

जाखड़ ने कहा कि 1 मार्च को मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि अकाली-भाजपा का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री को मिलेगा। यह फैसला तभी हुआ क्योंकि केंद्र सरकार के हाथ में राय को मानना या न मानने का अधिकार है, लेकिन अभी तक कोई शिष्टमंडल प्रधानमंत्री को नहीं मिला। वहीं, बादल बेहद चालाकी से 25 जून को संगत दर्शन के दौरान बयान जारी करते हैं कि एक्ट की धारा 5 (जो पानी हरियाणा को जा रहा हैं वह जाता रहेगा) को खत्म कर दिया है, जबकि विधानसभा में ऐसा कोई आर्डिनेंस आया ही नहीं। अकाली-भाजपा सरकार अकेले धारा 5 को खत्म नहीं कर सकती हैं। इसके लिए विधानसभा का सत्र बुलाना होगा।

पंजाब की राजनीतिक हलचल की बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.