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अर्जुन अवार्डी जगदीश भोला को ड्रग रैकेट में 12 साल की कैद, तीन केस में दोषी व चार में बरी

माेहाली की अदालत ने ड्रग रैकेट मामले मेें पूर्व डीएसपी व खिलाड़ी जगदीश भोला को दोषी करार दिया और 12 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने सात मामलों में से चार में भोला को बरी कर दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:28 AM (IST)
अर्जुन अवार्डी जगदीश भोला को ड्रग रैकेट में 12 साल की कैद, तीन केस में दोषी व चार में बरी
अर्जुन अवार्डी जगदीश भोला को ड्रग रैकेट में 12 साल की कैद, तीन केस में दोषी व चार में बरी

मोहाली, जेएनएन। मा‍ेहाली की अदालत ने अर्जुन अवार्डी पूर्व खिलाड़ी और पंजाब पुलिस के पूर्व डीएसपी जगदीश भाेला को ड्रग रैकेट मामले में 12 साल कैद की सजा सुनाई है। भोला को विभिन्‍न धाराओं में छह माह से 12 साल तक की कैद की सजाएं सुनाई गई हैं। अन्‍य 18 दा‍ेषियों को छह माह से 15 साल तक की कैद की सजाएं सुनाई गई हैं। सभी सजाएं साथ चलेंगी। अदालत ने भोला को ड्रग रैकेट के कुल सात मामलों में से चार में बरी कर दिया है और तीन में दोषी करार दिया। ये मामले 2013 के हैं। इन मामले में 32 लोगों को आरोपित बनाया गया था।

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कोर्ट ने जगदीश भोला को विभिन्‍न धाराओं में छह माह से लेकर 12 साल तक कैद की सजा सुनाई

पंजाब के चर्चित 6000 करोड़ रूपये के ड्रग्‍स मामलों में बुधवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने बुधवार शाम को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट की ओर से कुल सात अलग अलग मामलों में अपना फैसला सुनाया गया।  जगदीश भोला सहित अन्‍य आरोपितों को सजा सुनाने के लिए माेहाली की कोर्ट में सुबह बहस शुरू हुई। इसके बाद कोर्ट ने भोला को चार मामलों में तो बरी कर दिया, लेकिन उसे तीन मामले में दोषी करार दिया।

अदालत ने एफआरआइ 56 मामले में पलविंदर सिंह समेत सभी आरोपिताें को बरी कर‍ दिया। इसके साथ ही एफआरआइ 92 में गाबा सहित सभी आरोपित बरी कर दिए गए। एफआरआइ 42 में कुलबीर सिंह गुलटी और  हरप्रीत लांबा को दोषी करार दिया गया। इस मामले में अन्‍य अारोपितों को अदालत ने बरी कर दिया।

अन्‍य 18 आरोपितों को विभिन्‍न धाराओं में छह माह से लेकर 15 साल तक की कैद

अदालत ने गब्‍बर सिंह को एक मामले में दोषी करार दिया तो दूसरे मामले में बरी कर दिया। अदालत ने अनूप सिंह कहलोें, कुल‍विंदर रॉकी, कुलदीप सिंह, सतींदा धामा और जगदीश भाेला को कई धाराओं में दोषी करार दिया है। अदालत ने बॉक्‍सर राम सिंह, कुलवंत सिंह और सुखराज सिंह को बरी कर दिया है।

सभी मामलों में आरोपितों को अलग अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए हर धारा की अलग सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेगी। इन मामले में कुछ आरोपितों को बरी कर दिया गया। इस मामले में कुल 70 लोग नामजद थे। ध्यान रहे कि इस मामले में पंजाब में अकाली सरकार में मंत्री रहे बिक्रम मजीठिया का भी नाम आथा था। लेकिन जांच के दौरान उन्हें क्लीनचिट मिल गई थी।

बुधवार को भारी सुरक्षा के बीच मोहाली की सीबीआई कोर्ट में भोला को पेश किया गया। इन मामलों में अप्रैल 2017 में गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू हुए थे। जून 2017 में पटियाला से पंजाब की सीबीआइ कोर्ट को मोहाली शिफ्ट कर दिया गया।
तस्करी के लिए सुरजीत सिंह देता था चोरी की गाडिय़ां
सिंथेटिक ड्रग्स की सप्लाई में इस्तेमाल होने वाली गाडिय़ोंं का कारोबार करने वाले सुरजीत सिंह को बनूड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सुरजीत सिंह को पुलिस बठिंडा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। सुरजीत सिंह ड्रग माफिया को ड्रग्स सप्लाई करने के लिए किराए पर चोरी की गाडिय़ां देता था। सुरजीत लग्जरी गाडिय़ों को चोरी कर उनकी नंबर प्लेट्स व इंजन नंबर बदलकर किराए पर देता था। उन गाडिय़ों से देशभर में सप्लाई होती थी। इस केस में सबसे पहले फंसे आरोपी सतिंदर धामा के बयानों पर  सुरजीत सिंह को गिरफ्तार गया था।

70 लोगों के खिलाफ दाखिल हुई थी चार्जशीट
वर्ष 2012 में डीएसपी जगदीश भोला की गिरफ्तारी के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। 2013 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जांच शुरू की थी। इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत 78 एफआइआर दर्ज हुई थी। ड्रग्स रैकेट मामले में 70 लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई।

आठ कंपनियों के नाम भी चार्जशीट में
इस मामले में आठ कंपनियों के नाम भी चार्जशीट में शामिल थे। इनमें चाहल टायर वल्र्ड प्राइवेट लिमिटेड अमृतसर, न्यू प्यार रोडवेज प्राइवेट लिमिटेड अमृतसर, एमबीपी फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड सोलन, ट्यूलिप फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड सूरजपुर कांगड़ा, चाहल टायर्स लिमिटेड जालंधर, चाहल रिट्रेडर्ज प्राइवेट लिमिटेड अमृतसर, माउंटेक बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड नालागढ़, नवरोज फार्मास्यूटिकल दिल्ली का नाम भी चार्जशीट में शामिल है।

इन मामलों में दोषियों को सुनाई गई सजा

एफआइआर नंबर 45 : पुलिस स्टेशन फतेगढ़ साहिब में 3 मार्च 2013
आरोपित : सुखराज, राम सिंह, कुलवंत सिंह कांती, जगदीश भोला, अनूप काहलो, कुलविंदर रॉकी, संदीप, कुलदीप, सतिंदर धामा, हरप्रीत, रीत सिद्धू, इंद्रजीत सिंह।
दोषी करार : जगदीश भोला, अनूप काहलो, कुलविंदर रॉकी, संदीप, कुलदीप, सतिंदर धामा।
सजा : जगदीश भोला को इस मामले में अलग-अलग तरह के पकड़े गए नशे के मामले में दर्ज विभिन्‍न धाराओं के तहत छह माह, 10 साल की  और 12 साल कैद की सजा सुनाई गई। कुलविंदर रॉकी 12 साल, 10 साल व दो साल की कैद की सजा सुनाई गई। संदीप व कुलदीप को एक-एक साल की कैद सुनाई गई। सतिंदर धामा को एक साल और 15 साल कैद की एक सजा सुनाई गई। अनूप काहलो को 15 साल कैद की सजा हुई।

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एफआइआर नंबर 69/13 : थाना फतेहगढ़ साहिब व थाना मंडी गोबिंदगढ़ 16 मार्च 2013 
आरोपित : कुलबीर सिंह, मोहिंदरपाल, जगदीश भोला, दविंदर हैप्पी, गुरजीत गाबा, बिसवा, सुखजीत सिंह, देवराज, राकेश साधू सुरेश कुमार, सचिन सरदाना, दविंदर कांत शर्मा
दोषी : जगदीश भोला, दविंदर हैप्पी, गुरजीत गाबा, बिसवा, सुखजीत सिंह, देवराज, राकेश साधू, सुरेश कुमार, सचिन सरदाना, दविंदर कांत शर्मा, मोहिंदर पाल को एक, एक साल की सजा हुई।
सजा : जगदीश भोला को दो साल कैद, दविंदर हैप्पी को अलग-अलग धाराओं में एक साल, छह माह और 12 कैद, गुरजीत गाबा एक साल और 10 साल, बिसवा को 10 साल, सुखजीत सिंह 10 साल, देवराज दो साल कैद और तीन हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। सुरेश कुमार को अलग-अलग धाराअों में दो-दो साल , सचिन सरदाना को 10 साल व एक साल, दविंदर कांत शर्मा को अलग-अलग धाराओं में एक साल व छह-छह माह कैद की सजा सुनाई गई है।

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एफआइआर नंबर 56 : पुलिस स्टेशन बनूड़ 15 मई 2013

आरोपित : मनिंदर औलख, परमीत सिंह पम्मा, सुरजीत सिंह, हरमिंदर सिंह, हरबंस, दविंदर हैप्पी, परमजीत चाहल, अनिल चौहान, जगदीश भोला, जगजीत चहल, सतिंदर धामा, सरबजीत साबा, बलजिंदर।
दोषी : जगदीश भोला, जगजीत चहल, सतिंदर धामा, सरबजीत साबा, बलजिंदर।
सजा : जगदीश भोला को दो अलग-अलग धाराओं में 10-10 साल,  जगजीत चहल को 10 साल, सतिंदर धामा को दो धाराओं में दो साल व 10 साल, सरबजीत साबा को चार अलग-अलग धाराओं में 10 साल, 10 साल, 10 साल व एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। वहीं बलजिंदर को दो साल व एक साल की सजा सुनाई गई है।

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कब क्या हुआ
-16 अप्रैल, 2012: फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी रहे हरदयाल सिंह मान ने ड्रग तस्करी का मामला दर्ज किया।
-3 मार्च, 2013: एनआरआइ अनूप काहलों को फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया। उसके घर से 26 किलो सिंथेटिक ड्रग्स बरामद हुईं।
-मार्च, 2013: बॉक्सर राम सिंह गिरफ्तार। उसने ही जगदीश भोला का नाम लिया था।
-13 नवंबर, 2013: बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला को गिरफ्तार किया गया।
-15 नवंबर, 2013: शिअद नेता बिट्टू औलख और बिजनेसमैन जगजीत सिंह चहल गिरफ्तार।
-13 दिसंबर, 2013: दिल्ली के स्मगलर वरिंदर राजा की गिरफ्तारी।
-18 फरवरी, 2014: इनकम टैक्स विभाग ने गोराया के अकाली नेता व बिजनेस मैन चुन्नी लाल गाबा के घर से डायरी जब्त की।
-22 मई, 2014: जेल मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर ने अपना नाम आने पर इस्तीफा दिया।
-19 जून, 2014 को पटियाला पुलिस ने गोराया के चुन्नी लाल के बेटे मोनू गाबा को काबू किया।
-21 जून, 2014: पटियाला पुलिस ने चुन्नी लाल गाबा को गिरफ्तार किया।
-24 जून, 2014: पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर के बेटे दमनवीर सिंह ईडी के सामने पेश हुए।
-4 जुलाई, 2014: चुन्नी लाल गाबा का बेटा गुरमेश गाबा ईडी के सामने पेश हुआ।
-13 अक्टूबर, 2014: पूर्व मंत्री व सीपीएस अविनाश चंद्र ईडी के सामने पेश हुए।
-17 अक्टूबर, 2014: जालंधर से कांग्रेस सांसद चौधरी संतोख सिंह ईडी के सामने पेश हुए।
-20 अक्टूबर, 2014: पूर्व एनआरआइ सभा के चेयरमैन कमलजीत सिंह हेयर ईडी के सामने पेश।
-26 दिसंबर, 2014: पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ईडी के सामने पेश हुए।
-8 जनवरी, 2015: वरिंदर राजा और सुखजीत सिंह सुक्खा को ईडी ने चार दिन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
-12 जनवरी, 2015: बिट्टू औलख को ईडी ने पूछताछ के लिए दो दिन की हिरासत में लिया।
-16 जनवरी, 2015: जांच अधिकारी निरंजन सिंह का कोलकाता तबादला कर दिया गया।
-21 जनवरी, 2015: हाईकोर्ट ने तबादले पर रोक लगाई।
-13 फरवरी, 2019: जगदीश भोला समेत 19 को सजा।


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