आइवीएफ सेंटरों को देना होगा रिकॉर्ड, कितने लड़के और लड़की पैदा हुई
आइवीएफ तकनीक का इस्तेमाल कर लड़का पैदा करने का खेल चल रहा है।
विशाल पाठक, चंडीगढ़ : शहर के कई सेंटरों में आइवीएफ तकनीक का इस्तेमाल कर लड़का पैदा करने का खेल चल रहा है। चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली है। आइवीएफ तकनीक का कई सेंटर गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। लड़के की चाह रखने वाले दंपती इन आइवीएफ सेंटरों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में अब चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग शहर के आइवीएफ सेंटरों पर शिकंजा कसने जा रहा है। डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज (डीएचएस) जी दीवान ने शहर के सभी आइवीएफ सेंटरों को पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है। पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन न कराने पर आइवीएफ सेंटर सील होंगे। स्वास्थ्य विभाग अब शहर के सभी आइवीएफ सेंटरों की निगरानी करेगा। शहर में कितने आइवीएफ सेंटर हैं। इन सेंटर में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) तकनीक से कितने बच्चे जन्म ले रहे हैं। इन सब पर स्वास्थ्य विभाग की नजर रहेगी। ताकि आइवीएफ तकनीक का गलत इस्तेमाल कर कोई चाइल्ड बर्थ के नेचुरल प्रोसिजर को प्रभावित न कर सके। अब साझा करनी होगी जानकारी
डायरेक्टर जी दीवान ने जो निर्देश जारी किए हैं। उसमें शहर के सभी आइवीएफ सेंटरों को रिकॉर्ड देने के लिए कहा है। शहर के सभी आइवीएफ सेंटर को यह बताना होगा कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) तकनीक से कितने बच्चे पैदा हुए। कितने लड़के और लड़की थीं। यह सभी जानकारी अब आइवीएफ सेंटर को हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ साझा करना होगी। ऐसा न करने वाले आइवीएफ सेंटर सील कर दिए जाएंगे। शहर में 50 से ऊपर चल रहे हैं आइवीएफ सेंटर
शहर में 50 से ऊपर आइवीएफ सेंटर चल रहे हैं। जहां आइवीएफ तकनीक से बच्चे पैदा किए जाते हैं। जो लोग मां-बाप नहीं बन पाते हैं। वह इस तकनीक के जरिये अपनी संतान को जन्म देते हैं। लेकिन शहर में पिछले कई साल में आइवीएफ सेटरों ने तेजी से विकास किया है। ऐसे में शहर के कई आइवीएफ सेंटर में इस तकनीक का गलत इस्तेमाल कर लड़के की चाह रखने वाले दंपत्तियों को फायदा पहुंचाए जाने की शिकायत मिली है। इस पर अब हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन सभी आइवीएफ सेंटर को पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है। शहर में इस समय 50 से ऊपर आइवीएफ सेंटर हैं। इनमें से केवल सात से आठ आइवीएफ सेंटर ही पीएनडीटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हैं। जानिए : यह है आइवीएफ तकनीक
आइवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। निसंतान दंपत्तियों के लिए इस तकनीक को एक वरदान के रूप में देखा जा रहा है। इस तकनीक के जरिये महिला में कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है। यह बांझपन दूर करने की कारगर तकनीक मानी जाती है। इस प्रक्रिया में किसी महिला के अंडाशय से अंडे को अलग कर उसका संपर्क द्रव माध्यम में शुक्राणुओं से कराया जाता है। इसके बाद निषेचित अंडे को महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। इसका प्रयोग वे महिलाएं भी कर सकती हैं जिनमें रजोनिवृत्ति हो चुकी है। और फैलोपियन ट्यूब बंद हो चेके हैं। आइवीफ तकनीक से बच्चों को जन्म दिया जाता है।