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कार्तिक के जीवन की लंबी कहानी

स्टेज के एक तरफ रैंप है, जो कभी कभार डिस्को बनता है तो कभी गली का नुक्कड़। उसके पास सटा है एक बेड जो हॉस्पिटल में है और जिस पर पड़ा है कार्तिक। पूरा नाटक इसी एक शख्स पर आधारित है, जो बेड पर तो है, मगर क्यों है इसीके पीछे पूरा नाटक शुरू होता है। नाटक की कहानी एक मस्तमौला इंसान कार्तिक से शुरू होती है, जो धीरे-धीरे इतनी लंबी हो जाती है कि पूरा देखने का हौसला टूटता रहता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Mar 2018 11:00 AM (IST)
कार्तिक के जीवन की लंबी कहानी
कार्तिक के जीवन की लंबी कहानी

शकर सिंह, चंडीगढ़

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स्टेज के एक तरफ रैंप है, जो कभी कभार डिस्को बनता है तो कभी गली का नुक्कड़। उसके पास सटा है एक बेड जो हॉस्पिटल में है और जिस पर पड़ा है कार्तिक। पूरा नाटक इसी एक शख्स पर आधारित है, जो बेड पर तो है, मगर क्यों है इसीके पीछे पूरा नाटक शुरू होता है। नाटक की कहानी एक मस्तमौला इंसान कार्तिक से शुरू होती है, जो धीरे-धीरे इतनी लंबी हो जाती है कि पूरा देखने का हौसला टूटता रहता है। शनिवार को टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में नाटक कार्तिक को देखकर यही एहसास होता है। थिएटर ओलंपिक में बीते कुछ दिनों में कार्तिक नाटक सबसे कमजोर महसूस हुआ। शहरी जीवन की झलक

कार्तिक नाटक देश के मेट्रो सिटी की झलक दिखाता है। कुछ युवा जो रात को पार्टी करने जाते हैं उन्हें पहली बार डिस्को जैसी जगह जाना होता है। मौज-मस्ती होती है, मगर यह मस्ती केवल कलाकारों तक ही सीमित रहती है। नाटक में नृत्य-संगीत होने से मजा आता है, मगर इसमें केवल मुंह से ही संगीत और गीत गाए जा रहे हैं, जो ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाते। हालाकि, बीच-बीच में कुछ एक जगह पर पात्र अपनी अदाकारी करने में सफल रहते हैं। जैसे कार्तिक जो मस्ती करता है। उसमें एक्टिंग को पूरी तरह से नेचुरल तरीके से पेश करता है। मगर इसके उपरात दृश्य अपनी और खींचने में असमर्थ करते हैं। नए नाटक में कमजोर लेखनी

नाटक में डायलॉग अहम भूमिका निभाते हैं। कार्तिक में यही कमजोर हिस्सा रहा। कहानी जिस तरह से साधारण थी, उस हिसाब से उसके डायलॉग भी साधारण ही लगे। इसके अलावा साउंड भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया गया, जिससे रंगमंच के कई रंग इसमें गायब दिखे। कुछ एक दृश्य ऐसे जरूर थे, जिसमें कलाकारों को रंग बिरेंगे कपड़े पहनाए गए या पोशाक में पेश किया गया, मगर ज्यादातर दृश्य स्पाट ही रहे। आज होगा नाटक रादर राशी का मंचन

थिएटर ओलंपिक के तहत रविवार को नाटक रादर राशी का मंचन किया जाएगा। इसका निर्देशन करेंगे शुक्त्राचार्य रभा। नाटक शाम 6.30 बजे से शुरू होगा।


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