उड़नपरी पीटी उषा ने खिलाड़ियों को दिए टिप्स, कहा-कोचिंग देने से ट्रैक पर भागना ज्यादा आसान
किसी एथलीट को कोचिंग देने से ट्रैक पर भागना ज्यादा आसान है। यह कहना है उड़नपरी से विख्यात एवं पद्मश्री पीटी उषा का।
जेएनएन, चंडीगढ़। किसी एथलीट को कोचिंग देने से ट्रैक पर भागना ज्यादा आसान है। यह कहना है उड़नपरी से विख्यात एवं पद्मश्री पीटी उषा का। पीटी चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होने वाले भारतीय ग्रेंड प्रिक्स-4 में अपनी एथलीट को लेकर पहुंची थीं। इससे पहले पीटी उषा अपनी खिलाडि़यों को लेकर डीएवी कॉलेज गई थीं। जहां पर उन्होने खिलाडि़यों को रनिंग के टिप्स भी दिए। ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बुधवार को होने वाले इस एक दिवसीय भारतीय ग्रेंड प्रिक्स में देशभर के टॉप एथलीट भाग लेंगे। जिसमें 36 फीमेल और 67 मेल एथलीट हैं। इसमें पीटी उषा की अकादमी से चार फीमेल एथलीट भाग ले रही हैं।
पहले खिलाडि़यो को नहीं मिलती थी सहूलियत
उन्होंने बताया कि पहले हमारे समय में खिलाडि़यों को इतनी सहूलियत नहीं मिलती थी। आजकल खिलाडि़यों को बहुत सी सहूलियतें और नई तकनीक मिल रही हैं। भारत में कभी सिथेटिक ट्रैक नहीं देखा था। मैंने सिथेटिक ट्रैक मॉस्को में देखा था। अभी तो हर शहर, राज्य में सिथेटिक ट्रैक हैं।
ऐसी प्रतियोगिता से खिलाडि़यों को मिलती है सीख
उन्होंने कहा कि यूरोपियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाने से पहले सभी खिलाडि़यों को देश में होने वाली सभी छोटी-बड़ी प्रतियोगिताों में भाग लेना चाहिए। इसमें जहां जीत की खुशी और हारने का भय नहीं होता। गलती के बारे में पता चलता है और समय रहते वो अपनी गलतियों और कमियों को दूर कर लेता है।
इंजरी की वजह से गंवाया था मेडल
पीटी उषा ने बताया कि ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना हर खिलाड़ी का होता है, लेकिन रेस के अंतिम क्षणों में उन्हें इंजरी हो गई थी, जिसकी वजह से कुछ सेकेड के फासले से वे गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई।
पाकिस्तानी खिलाडि़यों के बैन पर साधी चुप्पी
मौके पर पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान खिलाडि़यों पर बैन करने की मांग पर जब पीटी उषा से उनका पक्ष जाना गया, तो उन्होने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वे केवल एथलीट के बारे में ही जवाब देंगी। मसला राजनीति का है।
नहीं है चंडीगढ़ में किसी भी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में सिंथेटिक ट्रैक
वही, पंचकूला में होने वाले भारतीय ग्रेंड प्रिक्स-4 के इवेंट से एक बात उजागर हुई है कि चंडीगढ़ में किसी भी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में सिंथेटिक ट्रैक नहीं हैं। जिसके चलते इस ईवेंट को पंचकूला में आयोजित करना पड़ा। वही, चंडीगढ़ एथलीट एसोसिएशन कई बार प्रशासन से शहर के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में सिंथेटिक ट्रैक की मांग कर चुके हैं। इसके बारे में चंडीगढ़ एथलीट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट जसपिदर सिंह ने बताया कि हमने विभाग से सेक्टर-17 और 5 के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में मांग की, लेकिन प्रशासन और विभाग यह कह कर पल्ला झाड़ लेता है कि इस पर योजना तैयार की जा रही है।