गालियाें से तंग आकर आइटीबीपी जवान ने की थी एसआई की हत्या
मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएए) की सुरक्षा चौकी में शुक्रवार को फायरिंग कर एसआइ की हत्या करने वाले भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के जवान को रविवार को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसका कहना है कि एसअाई उसे गालियां देता था।
चंडीगढ़ : मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएए) की सुरक्षा चौकी में शुक्रवार को फायरिंग कर एसआइ की हत्या करने वाले भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के जवान को रविवार को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसका कहना है कि एसअाई उसे गालियां देता था। उसने इससे तंग आकर उसकी जान ली। फायरिंग में कई अन्य जवान भी घायल हो गए थे।
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चंडीगढ़ पुलिस की थाना-36 पुलिस को आरोपी जवान चंद्रशेखर के चंडीगढ़ पहुंचने की सूचना मिली थी। इस पर एसएचओ रामदयाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपी को सेक्टर-36 के फ्रेगरेंस गार्डन से गिरफ्तार कर लिया।वह फायरिंग करने के बाद अपने साथ एलएमजी व सौ कारतूस लेकर फरार हुआ था।
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पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की लेकिन हथियार व कारतूस के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी। पुलिस ने मेडिकल करवा उसे मसूरी से पहुंची पुलिस टीम के सुपुर्द कर दिया। मसूरी की पुलिस टीम उसे ट्राजिट रिमांड पर ले गई।
जंगल में छुपाए हैं हथियार
इंस्पेक्टर रामदयाल ने बताया कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने के बाद हथियार व कारतूस मसूरी के जंगल में छुपाने की बात कही है। हथियार छुपाने के बाद वह मोका पाकर चंडीगढ़ आ गया।
एसआइ देता था मां की गाली
आरोपी ने यूटी पुलिस को फायरिंग की घटना के बारे में जानकारी दी। उसने बताया कि वह माबादल पर बात कर रहा था। इसी दौरान एसआइ अया और उसे मोबाइल पर बात करने से मना किया। उसने उसका मोबाइल बंद करवाया और गालियां भी दीं। एसआइ इसके बाद कई दिनों तके उसे मां की गालियां देता रहा।
पुलिस के अनुसार, चंद्रशेखर ने बताया कि उसने उसे गालियां देने से कई बार मना किया लेकिन वह नहीं माना। इसेे बाद एसआइ व एएसआइ ने उसे तंग करने के लिए उसकी इंक्वायरी खोल दी थी। इसमें एसआइ व एएसआइ ने उसे तंग करने के मकसद से कई चीजों में उसकी कमी बताई। इससे वह बेहद तंग आ चुका था। जब भी एसआइ उसे गालियां देता था, वह आपे से बाहर हो जाता था।
एएसआइ की भी हत्या करना चाहता था
चंद्रशेखर ने यूटी पुलिस को बताया कि वह एसआइ व एएसआइ दोनों से काफी तंग आ चुका था और उसने दोनों की जान लेने का फैसला किया। वारदात वाले दिन वह करीब आधे से पौने घंटे तक एसआइ व एएसआइ के अकेले मिलने का इंतजार कर रहा था। एसआइ तो उसके निशाने पर आ गया, लेकिन एएसआइ राकेश बच गया।
हत्यारोपी ने बताया कि वह वारदात को अंजाम देकर फरार होने के लिए भी पूरी तैयारी कर चुका था। इसके लिए वह एटीएम से 30 हजार रूपये नगदी भी निकलवा चुका था।