दुखद रही कश्मीर की यात्रा
धारा-370 हटने के बाद वहां की स्थिति को जाकर देखा। वहां लोग अभी घबराये हुए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : धारा-370 हटने के बाद वहां की स्थिति को जाकर देखा। वहां लोग अभी घबराये हुए हैं। स्थिति तंग है। लोगों के दिलों में शांति नहीं है। ज्यादा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है, टूरिज्म तो वैसे भी ठप हो गया है। डॉ. कंवलजीत कौर ढिल्लों कुछ इन्हीं शब्दों में कश्मीर में धारा-370 हटने पर अपने अनुभव साझा करती हैं। मंगलवार को पंजाब कला भवन-16 में आयोजित एक कार्यक्रम में वह शामिल हुई। इसमें नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन की जनरल सेक्रेटरी एनी राजा भी शामिल हुई। डॉ. कंवलजीत कौर ने औरतां दी चश्मदीद गवाही नाम से एक रिपोर्ट भी तैयार की है। उन्होंने कहा कि धारा-370 हटने के बाद हम वहां के हालात के बारे में जानना चाहा। हमने वहां अपने मौजूद संगठन के सदस्यों से संपर्क किया। जब सपंर्क नहीं हो पाया तो फैसला लिया वहां जाने का। वहां लोगों ने कहा कि धारा को हटा कर हमारी सेल्फ रिस्पेक्ट को चोट पहुंचाई गई है। डॉ. कंवलजीत कौर ढिल्लों चंडीगढ़ से है। वह सीनियर थिएटर आर्टिस्ट हैं और 25 साल से सोशल वर्क भी कर रही हैं, बोलीं कि हम दोनों के अलावा मेंबर पंखुडी जहीर, प्रगतिशील महिला संगठन दिल्ली की पूनम कौशिक और मुस्लिम वुमन फॉरेन दिल्ली की डॉ. सईदा हमीद शामिल थी। 17 से 21 सितंबर तक कश्मीर में कई जगह गए। श्रीनगर, पुलवामा, बांदीपुरा आदि। पांचों लोग अलग-अलग जगह गए
उन्होंने बताया कि हम पांचों अलग-अलग जगह गए थे। हमने किसी एक सेक्शन नहीं बल्कि हर सेक्शन के लोगों से बात की। जैसे डॉक्टर, ऑफिसर, दुकानदारों, टीचर से लेकर मां, बच्चों और नौजवानों से। वहां के गांव में भी गए। किसी का नाम तो नहीं लेना चाहूंगी लेकिन यह बताना चाहूंगी कि एक लड़की के एग्जाम थे, उसने नेट से मेटीरियल डाउनलोड करना था, ऐसे में उसे काफी परेशानी आई।