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..दूसरों के लिए लिखना सच में मुश्किल है

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सोच गीत के बाद सिर्फ हार्डी संधू नहीं बल्कि एक और शख्स था, जिसने इंड

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 07:42 PM (IST)
..दूसरों के लिए लिखना सच में मुश्किल है
..दूसरों के लिए लिखना सच में मुश्किल है

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सोच गीत के बाद सिर्फ हार्डी संधू नहीं बल्कि एक और शख्स था, जिसने इंडस्ट्री में अपना नाम स्थापित कर लिया था। जानी गीतकार इन दिनों हर दूसरा गायक इनके लिखे गाने गाते हैं। प्रेस क्लब-27 में एक कार्यक्रम में पहुंचे जानी ने खास बातचीत में अपनी लेखनी पर बात की। बोले कि ये काफी मुश्किल होता है, जब आप दूसरे के लिए लिखते हैं। मेरे लिए अच्छी बात ये रही कि मैंने हार्डी संधू के शुरुआत की, जहां से बी प्राक से भी जुड़ा। हमारी दोस्ती फिर आगे बढ़ी। मुझे खुशी हुई जब नवराज हंस ने भी मेरे लिखे गीत गाए। इनके साथ दोस्तों जैसा माहौल था, ऐसे में इनके लिए लिखना आसान हो गया। मगर मुश्किल तब होता है जब आप दूसरों के लिए लिखते हैं। फेम अपने आप मिला है..

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जानी इन दिनों एक गायक की तरह ही चर्चा में है। बोले कि मैंने ऐसा कभी सोचा नहीं था। मैं बस युवाओं की भाषा में ही लिखता हूं। पता नहीं चला कि कब मेरे गीत हिट हो गए। कुछ गीत तो ऐसे भी थे जो कॉलेज के दिनों से रखे थे, मगर धीरे धीरे जब गायकों की डिमांड बढ़ी तो मैंने उन्हें इस्तेमाल करना शुरू किया। धीरे-धीरे कतार बढ़ने लगी। अब तो आप पास से ही गीत बनाता हूं। युवा लोगों के साथ रहकर ही गीत लिखना आसान होता है। ऐसे में ज्यादातर युवाओं के पास रहना पसंद करता हूं। गीतकारी में गहराई लाना ज्यादा जरूरी..

पंजाबी गीत लिखने वाले कई गीतकार गायक बन गए, आप भी बनने वाले हैं, ऐसे में क्वालिटी कितनी रह पाती है? पर जानी ने कहा कि हां, दरअसल क्वालिटी पर तो फर्क पड़ता ही है। मगर फिर भी एक गीतकार गायक बने, तो इसमें कोई हर्ज नहीं। हां, मुझे गीत लिखना ही पसंद है। ऐसे में गायक बना भी तो ये मेरी दूसरी पसंद रहेगा। मैं चाहता हूं कि गीतों में गहराई तक उतर जाउं। मेरी कोशिश ज्यादा से ज्यादा बेहतर गीत लिखने की है। किस्मत के गीत किस्मत से अच्छे हुए..

हालिया फिल्म किस्मत में जानी के गीतों की बहुत तारीफ हुई, उन्होंने कहा कि मैंने गीत लिखे, वो हिट हो गए, बस इससे ज्यादा इस पर क्या बोलूं। हां, लोगों ने इसे बहुत प्यार दिया। कई लोगों के मुझे कई संदेश आते हैं। अच्छा लगता है जब अच्छे कार्य को सराहा जाता है। होटल मैनेजमेट की फिर समझ में आया लिखना ही सही है..

जानी ने कहा कि वह गिदड़बाहा से हैं और होटल मैनेजमेट करने चंडीगढ़ आए थे। मगर इसी दौरान उन्हें लगने लगा कि वह इसके लिए नहीं बने। वो इस डिग्री के बाद अमेरिका जाना चाहते थे, मगर डिग्री के दौरान ही उन्हें सोच गाना लिखा और जो हिट हो गया, फिर तो पीछे मुड़ कर ही नहीं देखा और बस आगे ही बढ़ता चला गया।


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