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हादसा नहीं, कत्ल है..प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार

ब्लास्ट होने के बाद तेज शॉर्ट-सर्किट से आग लगना हादसा नहीं बल्कि कत्ल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 10:31 PM (IST)
हादसा नहीं, कत्ल है..प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार
हादसा नहीं, कत्ल है..प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : सेक्टर-32डी में लैपटॉप की बैटरी ब्लास्ट होने के बाद तेज शॉर्ट-सर्किट से आग लगना हादसा नहीं बल्कि कत्ल है। इसके लिए सीधी तौर पर जिम्मेदार यूटी प्रशासन और पुलिस विभाग की अवैध संचालकों पर दरियादिली दिखाना है। इसी बिल्डिंग में हादसे से पहले तीन बार आग लगने, धड़ल्ले से वॉयलेशन करने के बावजूद पीजी संचालित हो रहा था। आग लगने से तीन युवतियों की मौत और दो को चोटें लगी हैं। दो साल से चलने वाले अवैध पीजी और उसके अंदर लकड़ी-फाइबर से पूरी तरह वॉयलेशन कर रखी थी। शहर में इस तरह की लगातार वारदात के बावजूद प्रशासन और पुलिस विभाग अवैध धंधा करने वालों पर लगाम कसने से हिचकिचाहट में नजर आता है। फिलहाल अब आनन-फानन में सेक्टर-34 थाना पुलिस ने मकान मालिक गौरव और दोनों पीजी संचालक नीतेश बंसल और पोपली बंसल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पोपली और गौरव फरार हैं। एक फ्लोर पर 15 से 17 लड़कियां

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आग लगने से बिल्डिंग के दोनों मंजिलों का एक-एक सामान जलकर खाक हो गया। दोनों फ्लोर पर लकड़ी और फाइबर के कैबिन से भी छोटे-छोटे 10 से 12 रूम बनाकर एक-एक बेड रखा हुआ था। कैबिन रूम के अंदर दम घुटने वाला माहौल होने के बावजूद दूसरी मंजिल पर वेंटिलेशन की एक भी व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा सीढि़यों से सटकर निकलने वाले रास्ते में लकड़ी के किचन और टॉयलेट-बाथरूम भी बना रखे थे। एक-एक मंजिल पर 15 से 17 लड़कियों से किराया वसूली किया जा रहा था। इसके बावजूद सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की चुप्पी साध रखी थी। जिससे क्रप्शन के नीचे मौत के पीजी चलने का अंदाजा लगाया जा सकता है। दो साल पहले खरीदा मकान, डेढ़ साल से रेंट पर

प्रत्यक्षदर्शी पड़ोसियों ने बताया कि करीब दो साल पहले इस मकान में मालिक अपने परिवार के साथ रहता था। इसी दौरान उससे गौरव ने मकान खरीद लिया था। गौरव ने नितेश कुमार को पीजी चलाने के लिए मकान डेढ़ साल पहले किराये पर दिया था। नितेश बंसल डेढ़ साल से अवैध तरीके से पीजी संचालित कर रहा था। सेक्टर-34 थाना पुलिस दोनों मालिक और पीजी संचालक को आरोपित बनाकर गिरफ्तार कर जांच में लगी है। पहले 34 और अब 29 लड़कियां, छुट्टियां होने से बची कई जानें

पुलिस की जांच में सामने आया कि पीजी हाउस के दोनों फ्लोर पर पहले 34 लड़कियां किराये पर रहती थी। कुछ महीने पहले ही पांच लड़कियां छोड़कर चली गई थी। जिसके बाद वर्तमान में 29 लड़कियां पीजी हाउस के दोनों फ्लोर पर कैबिननुमा अलग-अलग रूम में रहती थी। वर्तमान में छुट्टियां होने से 16 लड़कियां अपने घर चली गई थी। जबकि, 13 लड़कियों में सात लड़कियां अपने-अपने काम से दोपहर से बाहर गई थी। हादसे के समय पीजी हाउस के दोनों फ्लोर पर करीब छह से आठ लड़कियां मौजूद थी। सूत्रों की मानें तो हादसे के समय दो लड़कियां सो रही थी। जिसके कारण उन्हे भागने में काफी देरी हुई। बिल्डिंग में तीन बार लगी आग, आसपास के लोग परेशान

दैनिक जागरण से बातचीत में आसपास के लोगों ने बताया कि पिछले साल से अब तक तीन बार इसी बिल्डिंग में शॉर्ट-सर्किट से आग चुकी हैं। पहली बार सीढि़यों के पास लगे मीटर और दूसरी बार एसी ब्लास्ट होने से आग लगी थी। पीजी हाउस में आए दिन इस तरह की घटना से आसपास के मकान में परिवार के साथ रहने वाले लोग भी काफी परेशान हैं। मौत सामने देख भगवान का नाम लेकर हमने लगा दी छलांग

चारों ओर धुआं और आग की लपटें नजर आ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे मौत सामने हैं, अपनी जान बचाने के लिए हमने पीजी की बिल्डिंग से छलांग लगा दी। यह जैसमीन और फैमिना ने बताया। पंजाब के मोगा की जैसमीन और हरियाणा के फतेहाबाद की फैमिना ने बताया कि वह पीजी के अलग-अलग फ्लोर पर थी। जैसमीन ने बताया वो बिल्डिंग के फ‌र्स्ट फ्लोर और फैमिना दूसरे फ्लोर पर थी। अचानक बिल्डिंग में जब आग लगी और धुआं  होने लगा। वह कमरे से बाहर आई। उन्होंने बताया जिस पीजी में वह रहती थी। उसके बाहर आसपास के लोग आग लगने के कारण इकट्ठे हो गए थे। लोगों की आवाज सुनकर वह जैसे ही कमरे से बाहर निकली। उन्होंने आग की लपटें और धुआं देखा। जैसमीन और फैमिना ने बताया कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए बिना कुछ सोचे समझे बिल्डिंग से छलांग लगा दी। जैसमीन और फैमिना के पैर और कंधे में चोटें आई है। दोनों का सेक्टर-32 स्थित जीएमसीएच में इलाज चल रहा है।


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