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पीजीआइ के डॉक्टरों को दिलप्रीत को संभालना हो रहा मुश्किल

पीजीआइ में गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा को संभालना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि नशा नहीं मिलने के कारण वह तड़प रहा है। बार-बार नशे की मांग भी कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 03:54 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 04:00 PM (IST)
पीजीआइ के डॉक्टरों को दिलप्रीत को संभालना हो रहा मुश्किल
पीजीआइ के डॉक्टरों को दिलप्रीत को संभालना हो रहा मुश्किल

रोहित कुमार, चंडीगढ़ : पीजीआइ में गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह ढाहा को संभालना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि नशा नहीं मिलने के कारण वह तड़प रहा है। बार-बार नशे की मांग भी कर रहा है। नशा न मिलने के कारण वह इलाज के लिए डॉक्टरों से कॉपरेट भी नहीं कर रहा। पुलिस के अनुसार दिलप्रीत सिंह पहले अफीम खाने का आदी था। उसके बाद वह संगत में आने पर ज्वाइंट पीने लग गया। ज्वाइंट का नशा करते-करते वह चिट्टे (हेरोइन) का नशा करने लग गया था। शुरुआती समय में वह सेक्स के लिए इन नशे का सेवन करता रहा परंतु बाद में वह इसका आदि हो गया। उसी कारण अब उसे परेशानी हो रही है।

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दूसरी तरफ पता चला है कि गैंगस्टर दिलप्रीत ढाहा ने 15 दिन पहले अपनी गर्लफ्रेंड रुपिंदर कौर को 11 लाख रुपये की कार गिफ्ट की थी। गाड़ी ढाहा ने रुपिंदर कौर के नाम पर निकलवाई थी। दिलप्रीत ने पुलिस को बताया कि लूटपाट व डकैती जैसी वारदातों को अंजाम देने के लिए वे जिन गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे, उनमें से ज्यादातर के नंबर ट्रेस हो चुके थे। उसी कारण अब उन्हें खुद घूमने के लिए एक गाड़ी की जरूरत थी। सूत्रों का कहना है कि कार चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड है। अब कार के लिए पैसा कहा से आया? किस बैंक से फाइनेंस करवाया गया? इसकी जाच की जा रही है। चंडीगढ़ लाइसेसिंग एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (आरएलए) में किन कागजों के आधार पर कार का रजिस्ट्रेशन किया गया यह भी जाच का विषय है। इसको लेकर आरएलए से रिकॉर्ड लिया जाएगा। बात करने के लिए लाइन -2 सॉफ्टवेयर का करते थे इस्तेमाल

सूत्रों के अनुसार ढाहा दूसरे सभी गैंगस्टरों से बात करने के लिए लाइन-2 सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। पूछताछ में बताया है कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी का नंबर ट्रेस करना काफी मुश्किल होता है। इस सॉफ्टवेयर पर कोड वर्ड में बात करते थे ताकि वह पुलिस की पकड़ में न आ सके। इन बड़ी हत्याओं के मामले में शामिल रहा है गैंगस्टर

सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर रिंदे के भाई का महाराष्ट्र में कत्ल कर दिया गया था। रिंदे ने भाई का कत्ल करने वालें सभी हत्यारों को मार और पंजाब आ गया। पंजाब आया तो उसके संपर्क में दिलप्रीत सिंह ढाहा आया। रिंदे ने ही दिलप्रीत से वर्ष 2014 में रोपड़ के गाव भरतगढ़ में एक ढाबे वाले का कत्ल करवाया था। उसके बाद दिलप्रीत का हौंसला खुल गया। दूसरा कत्ल भी ढाहा ने एक ढाबे वाले का किया क्योंकि उसे शक था कि वह ढाबे वाला पुलिस का खबरी है। तीसरा कत्ल दिलप्रीत ने एक पहलवान का किया और चौथा कत्ल सेक्टर-38 में सरपंच का था। सूत्रों से यह भी पता चला है कि रिंदे के साथ मिलकर दिलप्रीत ने महाराष्ट्र में भी दो कत्ल किए हैं। वहीं, महाराष्ट्र के एक स्कूल में घुसकर गोलिया चलाने के मामले में भी दिलप्रीत के खिलाफ मामला दर्ज है।


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