कच्चे व ठेका मुलाजिमों के कारण लटका शिक्षकों का मामला, इस डर से सरकार ने फैसला टाला
पंजाब में 5178 शिक्षकों को पक्का करने का मामला लटक गया है। यह मामला कच्चे व ठेका मुलाजिमों के कारण लटका है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। लंबे समय से अटक रहे 5178 शिक्षकों को पक्का करने का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। कैबिनेट बैठक के एजेंडे में शामिल होने के बावजूद इस पर मोहर नहीं लग पाई। इसका मुख्य कारण ब्यूरोक्रेसी द्वारा यह आशंका जताना है कि राज्य में कच्चे व ठेका मुलाजिम, स्टाफ नर्स आदि धरना दे रहे हैं। अगर ऐसे में 5178 शिक्षकों को पक्का किया जाता है तो यह राज्य में चल रहे पक्का करने के आंदोलन की आग में घी का काम करेगा।
कैबिनेट बैठक में लंबी बहस के बाद 5178 शिक्षकों को पक्का करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते
जानकारी के अनुसार कैबिनेट बैठक में शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने इस एजेंडे को पास करवाने के लिए जोर भी लगाया, लेकिन वे अकेले पड़ गए। शिक्षकों को पक्का करने को लेकर ओपी सोनी लंबे समय से काम कर रहे थे। कई बैठकों के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया था। बस कैबिनेट की मोहर लगनी बाकी थी।
एजेंडे में शामिल होने के बावजूद नहीं लग पाई कैबिनेट की मोहर
जानकारी के अनुसार इस एजेंडे के ठंडे बस्ते में जाने का सबसे मुख्य कारण राजिंदरा अस्पताल में नर्सों द्वारा की जा रही हड़ताल बना। पटियाला में चल रहे इस हड़ताल के कारण सरकार को यह चिंता थी कि अगर ऐसे समय में शिक्षकों को पक्का करने का फैसला लिया जाता है तो इससे राज्य में बाकी अन्य जगहों पर पक्का करने को लेकर चल रहे संघर्ष को और बल मिल जाता है। यही कारण है कि ब्यूरोक्रेसी ने इस पर सवालिया निशान लगा दिए। हालांकि देर शाम सरकार ने झुकते हुए नर्सों के हक में फैसला लिया।
लोकसभा चुनाव तक लटकने की आशंका
शिक्षकों को पक्का करने का मामला लोक सभा चुनाव तक लटक सकता है। कैबिनेट बैठक में शिक्षा मंत्री चाह रहे थे कि शिक्षकों को पक्का करने का प्रस्ताव पास हो जाए क्योंकि आम चुनाव को देखते हुए कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। इस वर्ग की नाराजगी असर चुनावों में दिख सकता है।
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नई एक्साइज पॉलिसी में कई बदलाव
एक रुपये लीटर की दर से बॉटलिंग फीस, नशामुक्ति में खर्च होगी राशि
प्रदेश सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी में कई बदलाव किए हैैं। पिछले साल तक देसी शराब का एक्स-डिस्टिलरी इशु प्राईस (ईडीपी) सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता था। इस साल 2019-20 के लिए एमआरपी की धारणा को ईडीपी के साथ जोड़कर पेश किया गया है। इससे डिस्टिलरियां अपने ब्रांडों की दरें निर्धारित कर सकेंगी। एक रुपये लीटर की दर से बॉटलिंग फीस लगाई जाएगी जो 30 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व पैदा करेगी। यह राशि वित्त विभाग को शराब नशामुक्ति उद्देश्यों के लिए अलॉट की जाएगी।
अगले वित्तीय वर्ष में बीयर का कोटा 4.61 करोड़ बोतल
नई एक्साइज पॉलिसी में अगले वित्तीय वर्ष में कंट्री लीकर के लिए 13.04 करोड़ बोतलें, कंट्री मेड फारेन लीकर के लिए 4.69 करोड़ और बीयर का कोटा 4.61 करोड़ बोतल तय किया गया है।
छोटे-बड़े शहरों का अंतर किया कम
एक्साइज पॉलिसी में छोटे और बड़े शहरों के बीच का अंतर कम करने की कोशिश की गई है। पॉलिसी के तहत लाइसेंस फीस को पिछले साल के मुकाबले 50 लाख से कम कर 25 लाख किया गया है।
दो रुपये प्रति बोतल टैक्स लगाया
एल-वन से ली जाने वाली देसी शराब पर तीन रुपये, कंट्री मेड फारेन लीकर पर दो रुपये प्रति बोतल टैक्स देना होगा। यह टैक्स मूल रूप से खपत पर होगा। आम तौर पर छोटे और बढ़े शहरों में एक समान लाइसेंस फीस होने से छोटे शहर वालों को नुकसान उठाना पड़ता था। अब जिसकी जितनी खपत होगी वह उतना भुगतान करेगा जिससे समानता आएगी। नई नीति में साल 2018-19 के 5462 करोड़ रुपये की निर्धारित संभावित वसूली के बदले इस बार 6201 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
शराब की बिक्री पर लेवी टैक्स को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने कम्पोजीशन स्कीम के अधीन राज्य में पंजाब एक्साइज एक्ट 1914 के अंतर्गत एल-3, एल-3ए, एल-4, एल-4ए, एल-5, एल-5ए, एल-5बी, एल-5सी और एल-12सी के लाइसेंस धारकों के विरुद्ध शराब की बिक्री पर लेवी टैक्स को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि प्रस्तावित कंपोजीशन स्कीम वैकल्पिक है। इसके लिए शेड्यूल-ए और शेड्यूल-ई में संशोधन अपेक्षित है। इसी कारण उन लाइसेंस धारकों पर 13 प्रतिशत की दर से वैट और इस दस प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया है जो कंपोजीशन स्कीम को नहीं अपनाएंगे। इस समय 13 प्रतिशत की दर से वैट और उस पर दस प्रतिशत सरचार्ज डिस्टिलरियों द्वारा उत्पादन के समय अदा किया जाता है।
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लेबर व ढुलाई के ठेकों बोली अब होगी ऑनलाइन
मंत्रिमंडल ने मंडियों में अनाज की ढुलाई श्रम कार्य संबंधी 'द पंजाब लेबर एंड कार्टेज पॉलिसी 2019-2020 को मंजूरी दे दी है। ठेकों की बोली अब ऑनलाइन होगी। 1 अप्रैल से शुरू हो रहे सीजन के लिए गोदामों में श्रम कार्यों और विभिन्न मंडियों से स्टोरेज वाले स्थानों, जो इन मंडियों, खरीद केंद्रों से आठ किलोमीटर तक स्थित हैं, तक अनाज की ढुलाई के लिए प्रतियोगी ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के द्वारा मंजूरी दी जाएगी। यह कार्य जि़ला टेंडर कमेटी द्वारा किया जाएगा। इसके संबंधित डिप्टी कमिश्नर चेयरमैन होंगे और एफसीआइ के जिला हेड, सभी प्रांतीय खरीद एजेंसियों के जिला हेड और फूड सप्लाई के जिला कंट्रोलर इसके मेंबर होंगे।
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2.85 लाख कृषि मजदूरों व भूमिहीन किसानों के लिए कर्ज राहत स्कीम को मंजूरी
कैबिनेट ने कृषि मजदूरों और भूमिहीन किसानों के लिए कर्ज राहत स्कीम को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है जिससे 2.85 लाख लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे कुल 520.55 करोड़ रुपये की माफी मिलेगी। इस माफी में 388.55 करोड़ की मूल राशि है, जबकि 31 मार्च, 2017 तक सात प्रतिशत ब्याज की दर से 78 करोड़ ब्याज लगा है। इसके अलावा 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक सात प्रतिशत के साथ 54 करोड़ ब्याज की और राशि है। बजट में इस स्कीम को लागू करने के लिए बजट की व्यवस्था की गई थी।
इसके लाभार्थी प्राथमिक कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर सर्विस सोसाइटीज़ (पी.ए.सी.एस.) के मेंबर व्यक्तिगत कृषि मज़दूर और भूमि रहित किसान होंगे। सिर्फ वे पीएसीएस मेंबर कजऱ् राहत के लिए योग्य होंगे जिन्होंने डीसीसीबीज़ से राशि प्राप्त की होगी। 31 मार्च, 2017 तक 25 हज़ार रुपए तक की मूल राशि का लिया गया कजऱ् ही राहत के योग्य होगा।