लोकसभा पहुंची चंडीगढ़ के पीयू की ईशा, सांसदों के साथ करेंगी काम
पीयू की रिसर्च स्कॉलर ईशा कौल में लोकसभा में देशभर के सांसदाें के साथ काम करेंगी। उनको प्रतिष्ठित पार्लियामेंट्री इंटर्नशिप के लिए चुना गया है।
चंडीगढ़, [डॉ.सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) की रिसर्च स्कॉलर व शहर की होनहार बेटी ईशा कौल में लोकसभा में देशभर के सांसदाें के साथ काम करेंगी। ईशा को लोकसभा की प्रतिष्ठित पार्लियामेंट्री इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। पीयू के पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर (पीएचडी) ईशा सेक्टर-42 स्थित जीसीजी की पूर्व छात्रा हैैं।
रिसर्च स्कॉलर ईशा कौल का पार्लियामेंट्री इंटर्नशिप के लिए चयन
वह जीसीजी कॉलेज से सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेमीचंद के मार्गदर्शन में पीएचडी कर रही हैैं। देश भर से मुश्किल चयन प्रक्रिया के बाद केवल 50 युवाओं का इंटर्नशिप के लिए चयन हुआ है। तीन महीने तक ईशा को लोकसभा की कार्यप्रणाली को करीब से जानने का मौका मिलेगा। ईशा इसे बड़ी उपलब्धि और मौका मानती हैं। चंडीगढ़ से ईशा इंटनर्शिप के लिए चुने जाने वाली एकमात्र युवा हैं। देश भर से सैकड़ों युवा इस इंटनर्शिप के लिए आवेदन करते हैं।
तीन महीने तक करेंगी देश के सांसदों के साथ काम
इस खास उपलब्धि पर जागरण से बातचीत में ईशा कौल ने बताया कि पार्लियामेंट्री इंटर्नशिप के तहत उन्हें तीन महीने तक लोकसभा की कार्यप्रणाली को करीब से जानने का मौका मिलेगा। उन्हें देश भर के सांसद और अन्य नेताओं से भी मिलने का मौका मिलेगा। ईशा कहती हैं कि इस ट्रेनिंग के लिए चुना जाना बेहद सम्मान की बात है। पहले चरण में उन्हें पार्लियामेंट्री की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के साथ काम करने का मौका मिला। कमेटी में 30 सदस्य हैं। ये सभी सांसद हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय की छात्रा ईशा कौल। (फाइल फोटो)
ईशा कौल जीसीजी-42 पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेमीचंद के मार्गदर्शन में जम्मू -कश्मीर में डिजास्टर मैनेजमेंट पर शोध (पीएचडी) कर रही हैं। कौल बताती हैं कि उनकी इस सफलता में उनके पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की सबसे अधिक भूमिका है। परिवार में पिता विमल कुमार कौल, मां मोहिनी और बहन का भी उन्हें पूरा सहयोग मिला है। खाली समय में पढ़ना उनकी हॉबी में शामिल है। ईशा के गाइड डॉ. नेमीचंद ने कहा कि उनकी स्टूडेंट हमेशा ही क्वालिटी वर्क पर फोकस करती हैं। एकेडमिक में भी ईशा का शानदार रिकार्ड रहा है।
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सरकारी स्कूल से पीयू गोल्ड मेडलिस्ट का सफर
ईशा छात्राओं के लिए रोल मॉडल है। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से पढ़ी ईशा ने पंजाब यूनिवर्सिटी में कई गोल्ड मेडल तक हासिल किए हैं। ईशा स्कूल स्तर पर औसत स्टूडेंट थीं। उन्होंने सेक्टर-34 के गवर्नमेंट हाई स्कूल से दसवीं 53 फीसद और 12वीं 65 फीसद अंकों के साथ पास की है। कॉलेज में पढ़ाई का ऐसा जुनून चढ़ा कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुेशन में चार गोल्ड मेडल जीते। ईशा को ग्रेजुएशन में गोल्ड मेडल, एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में गोल्ड मेडल, मास्टर डिग्री में ओवर ऑल गोल्ड मेडल के अलावा दो बार कॉलेज के प्रतिष्ठित रोल ऑफ ऑनर मिल चुका है।
पंजाब विश्वविद्यालय में डिग्री प्राप्त करतीं ईशा कौल।
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जरुरतमंद बच्चों के विकास के लिए करती हैं कार्य
ईशा पढ़ाई के अलावा सोशल सर्विस से भी जुड़ी हैं। कॉलेज टाइम में एनएसएस कैडेट रही हैं। पढ़ाई के साथ वह जरुरतमंद बच्चों के लिए काम करने वाली दो एनजीओ 'सलाम जिंदगी' और 'नन्ही जान' से भी जुड़ी हैं। पीजीआइ के एडवांस पेडयेट्रिक सेंटर में आने वाले बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी में बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें अच्छा लगता है।