सिंचाई घोटाले में आरोपी अधिकारी को हाईकोर्ट से राहत
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब के सिंचाई विभाग में टेंडर अलॉट करने में हुए करोड़ों के घोटा
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब के सिंचाई विभाग में टेंडर अलॉट करने में हुए करोड़ों के घोटाले के बाद सामने आए जाली बिलिंग के मामले में आरोपी विभाग के डिवीजनल अकाउंट अफसर मनिंदर सिंह को राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। मनिंदर को इस मामले में दो हफ्ते में विजिलेंस ब्यूरो की ओर से की जा रही जाच में शामिल होने के आदेश देते हुए जस्टिस सुरेंदर गुप्ता की पीठ ने कहा है कि मनिंदर सिंह को गिरफ्तार किए जाने की सूरत में उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए।
एडवोकेट विकास चतरथ के माध्यम से दायर अपनी अग्रिम जमानत याचिका में मनिंदर सिंह ने कहा है कि उन पर ठेकेदारों के जाली बिलों के भुगतान के आरोप है पर ठेकेदारों को भुगतान सब-डिवीजनल अफसर के आदेशों पर किया जाता है। अकाउंट्स अधिकारी सिर्फ इंजीनियरिंग विभाग के जूनियर-इंजीनियर्स की ओर से की गई जाच और पास किए गए कामों के आधार पर भुगतान करते हैं।
मनिंदर सिंह पर साल 2010-11 के दौरान कंडी केनाल की मरम्मत के 8.29 करोड़ के प्रोजेक्ट की कीमत के लिए 14.58 करोड़ के बिलों की अदायगी में संलिप्तता के आरोप है। इस प्रोजेक्ट में भी ठेकेदार गुरिंदर सिंह मुख्य आरोपियों में शामिल है जो पिछले साल सामने आए टेंडर अलॉटमेंट घोटाले में मुख्य आरोपी है। याचिकाकर्ता मनिंदर सिंह फिलहाल जालंधर में तैनात है। मोहाली में दर्ज हुआ था केस विजिलेंस ब्यूरो की ओर से सिंचाई विभाग में बीते समय दौरान टेंडर अलॉट करने में हुई घपलों की जाच के लिए मोहाली थाने में केस दर्ज किया गया था। इस केस में विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर हरविंदर सिंह, एक्सईएन (हेडक्वार्टर) बजरंग लाल सिंगला व ठेकेदार गुरिंदर सिंह ने भी अदालत में आत्मसमर्पण किया था। विजिलेंस को इस बहुकरोड़ी घोटाले में कई अन्य अधिकारियों के नाम आने की संभावना है।