इंटरनेट मीडिया लोगों की विचारधारा पर पड़ रहा भारी : उमेश उपाध्याय
इंटरनेट मीडिया ने आम जिदगी में लोगों की सोच को नई दिशा दी है। भारत में इससे सामाजिक बदलाव महसूस हो रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इंटरनेट मीडिया ने आम जिदगी में लोगों की सोच को नई दिशा दी है। भारत में इससे सामाजिक बदलाव महसूस हो रहा है। इंटरनेट मीडिया अपने विचारों को एक बड़े स्तर पर पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है, जिसके सकारात्मक और कुछ नकारात्मक पहलू भी समय के साथ सामने आ रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आम लोगों के माइंड सेट स्टे्टस को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी कंपनियों के सुनियोजित तरीकों से काम किया जा रहा है। मीडिया, अकादमिक और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से भारतीय समाज, संस्कार और सभ्यता को टारगेट किया जा रहा है।
इंटरनेट मीडिया के तत्कालिक स्वभाव के कारण आज सामाजिक व्यवहार बदल रहा है। यह बात पंचनद शोध संस्थान के आयोजित वार्षिक व्याख्यान में वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय ने इंटरनेट मीडिया का सामाजिक परिप्रेक्ष्य विषय पर कही। पंजाब यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपाध्याय ने कहा कि इंटरनेट मीडिया उपने उपभोक्ताओं के इमोशन और व्यवहार का अध्ययन कर अपने फायदे के लिए टारगेट कर रहा है। उन्होंने बताया कि गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर विचार के आधार पर तय किया जा रहा है कि किसे ब्लू टिक दिया जाए। पंचनद शोध संस्थान के उपाध्यक्ष डा. अजय कुमार ने कहा कि इंटरनेट मीडिया गेम ऑफ रियालिटी है। फेक न्यूज का सबसे ज्यादा खतरा है। आज लोग अनसेंसर्ड इंफोरमेशन के माध्यम से ज्यादा खतरे में है। पंचनद शोध संस्थान के प्रकाशित 'सोशल मीडिया : करणीय और अकरणीय' पत्रिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला के नेतृत्व में आम सभा की बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में संस्थान के गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। पीयू हिदी विभाग के प्रोफेसर और एसोसिएट डीएसडब्ल्यू डा. अशोक कुमार, यूआइएलएस विभाग के डा. भरत और अन्य शिक्षकों ने भी शिरकत की।