चंडीगढ़ एमसीएम कॉलेज में मनाया अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस, ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़े 200 स्टूडेंट्स
स्टूडेंट्स को पर्यावरण के हर जीव के प्रति अवगत कराने के लिए मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन सेक्टर-36 में ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोतरी प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई।
चंडीगढ़, जेएनएन। बेहतर जीवन यापन के लिए प्रकृति अहम भूमिका निभाती है। जिसे सुरक्षित रखना हमारा पहला कर्म है। यह कर्म हम तभी पूरा कर सकते हैं जब हमें प्रकृति में मौजूद विभिन्न जीव-जंतु की सही और पूरी जानकारी होगी। स्टूडेंट्स को पर्यावरण के हर जीव के प्रति अवगत कराने के लिए मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन सेक्टर-36 में ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोतरी प्रतियोगिता आयोजित करवाई गई।
प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स से विभिन्न जीव-जंतुओं के बारे में सवाल जबाव किए गए ताकि स्टूडेंट्स को उनके महत्व और जरूरत का पता चल सके। इस प्रतियोगिता में कॉलेज का जीव विज्ञान विभाग के साथ पर्यावरण से संबंधी विभिन्न क्लबों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में देश भर से दो सौ के करीब स्टूडेंट्स ने भाग लिया और प्रकृति के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी सांझा की।
स्टूडेंट्स को जीव विज्ञान से जोड़ना अनिवार्य
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने कहा कि बेहतर कल के लिए जरूरी है कि हमारे बच्चे और युवा उसके बारे में सही और पूरी जानकारी रखें। इसी दिशा में कॉलेज की तरफ से एक प्रयास किया गया है। जिसमें हमने स्टूडेंट्स को जीवों के जीवन और उनके महत्व के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि धरती पर चलने वाले छोटे-छोटे कीड़े भी पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते है। इसलिए उन्हें बचाने की दिशा में काम होना चाहिए।
प्रकृति और जीवों को बचाने की जरूरत
डॉ. निशा भार्गव ने कहा कि देश में अलग-अलग जलवायु और मौसम हैं। इसके चलते हर जगह पर अलग-अलग जीव-जंतु और पेड़-पौधे पाए जाते हैं। यह सारे प्रकृति को सुरक्षित रखने के साथ खुद का भी बेहतर जीवन-यापन करते हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स से अपील की कि वह प्रकृति में मौजूद हर चीज को बारीकी से समझे और उसे बचाने की दिशा में काम करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करें। प्रकृति में मौजूद कोई भी जीव या पेड़-पौधा व्यर्थ नहीं है। जरूरत है उसका उपयोग और महत्व समझते हुए उसे बचाने की।