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त्योहारों पर मिठाई देने के बजाए डेकोरेटिव बास्केट में पौधे देने की शुरुआत Chandigarh News

इंटीरियर डिजाइनर सुप्रना ने मिठाई देने के बजाए सजावट के पौधे देने शुरू किए हैं। यह पौधे स्पेशल टोकरी में रखकर दिए जाते हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 12:04 PM (IST)
त्योहारों पर मिठाई देने के बजाए डेकोरेटिव बास्केट में पौधे देने की शुरुआत Chandigarh News
त्योहारों पर मिठाई देने के बजाए डेकोरेटिव बास्केट में पौधे देने की शुरुआत Chandigarh News

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। कोई खास मौका हो तो हम दोस्तों को मिठाई के डिब्बे देते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोग मिठाई को ज्यादा खाना पसंद नहीं करते। इसके कई कारण हैं। ऐसे में इंटीरियर डिजाइनर सुप्रना ने मिठाई देने के बजाए सजावट के पौधे देने शुरू किए हैं। यह पौधे स्पेशल टोकरी में रखकर दिए जाते हैं। इसमें पौधों के अलावा कुछ जगह फूल और मिठाई को भी दी जा सकती है। यह काम सुप्रना अपने स्तर पर करने के साथ-साथ बिजनेस के जरिए भी कर रही हैं।

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सुप्रना एक इंटीरियर डिजाइनर है, जिसने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस प्रकार की पहल की है। सुप्रना की इस पहल से सैकड़ों लोग प्रभावित है और त्योहारों पर मिठाई देने के बजाए स्पेशल टोकरी का निर्माण करके उसमें पौधा देते हैं। यह पौधा कोई भी व्यक्ति अपने घर के अंदर या फिर बाहर गैलरी और लॉबी में लगा सकता है। वहीं जिस टोकरी में रखकर पौधा दिया जाता है वह भी घर में सजावट का काम करता है। इस प्रकार के प्रयास से जहां पर एक असली पर्यावरण हमारे आसपास बन जाता है वहीं पर इससे इंसान के खुद के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।

मिठाई को बर्बाद होते देख लिया फैसला

सुप्रना ने बताया कि इंटीरियर डिजाइनर का काम सालों से करती थी। लोगों के घरों को सजाने के अलावा शादियों के लिए भी डेकोरेशन भी करती थी। कुछ समय पहले देखा कि लोग मिठाई मिलने पर खुश नहीं होते। कई बार लोग कहते थे कि घर में इसे कोई मिठाई नहीं खाता। ऐसे में डिब्बा लेकर जाने का कोई फायदा नहीं। वहीं से मैंने टोकरी में रखकर मिठाई और असल के पौधे देने की बात ग्राहकों को बताई। लोगों ने मेरा आइडिया बेहतर तरीके से समझा और उन्होंने इसी को अपना भी लिया।

पर्यावरण को हरा-भरा बनाने का है उद्देश्य

सुप्रना ने बताया कि मिठाई को देने का कोई खास फायदा नहीं होता। हम जिसे मिठाई देते हैं उसके बारे में हमें पहले से ही पता होता है कि वह कितना मिठाई खाना पसंद करते हैं। एक मिठाई के डिब्बे जितना खर्च इस टोकरी बनाने और पौधे में आता है। ऐसे में बेहतर है कि हम किसी को मिठाई का डिब्बा देने के बजाए पौधे दें। पर्यावरण में जंगलों की कमी है। जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। घर के अंदर कुछ पौधे रखे होंगे तो वह घर के लोगों को ऑक्सीजन दे सकते हैं। इसके अलावा घर में पॉजीटिव एनर्जी भी बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने बिजनेस को भी एनवायरमेंट फ्रैंडली बना लें। ताकि आने वाले समय में हम बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकें।

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