मना करने पर भी इंश्योरेंस कंपनी ने खाते से काटे 2 लाख, अब देना होगा हर्जाना
निजी कंपनी ने उपभोक्ता के इन्कार करने बावजूद उसके बैंक एकाउंट से 2 लाख रुपये प्रीमियम के रूप में काट लिए थे।
विशाल पाठक, चंडीगढ़ : कंज्यूमर कोर्ट ने आइसीआइसीआइ बैंक, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को एक उपभोक्ता को 50 हजार रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। दो लाख रुपये भी 12 फीसद ब्याज के साथ लौटाने होंगे। निजी कंपनी ने उपभोक्ता के इन्कार करने बावजूद उसके बैंक एकाउंट से 2 लाख रुपये प्रीमियम के रूप में काट लिए थे। नाराज उपभोक्ता ने इसकी कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दी थी।
सेक्टर 38 वेस्ट के उमेश गर्ग ने कंज्यूमर कोर्ट में दी शिकायत में बताया कि सेक्टर-8 स्थित आइसीआइसीआई बैंक ब्राच में उनका एक सेविंग अकाउंट था। उन्होंने ब्राच से 2 इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। इंश्योरेंस की एवज में उपभोक्ता को 2 लाख रुपये प्रीमियम के रूप में हर साल अक्टूबर में जमा करने होते थे। प्रीमियम की पेमेंट वह ईसीएस के रूप में करते थे।
गर्ग ने कंज्यूमर कोर्ट में दी शिकायत में बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने बैंक को एक लेटर लिख कर दिया था कि अक्टूबर में प्रीमियम का राशि उनके अकाउंट से ना काटी जाए। इसके बावजूद बैंक ने प्रीमियम की ड्यू डेट पर उनके अकाउंट से 2 लाख ईसीएस के जरिए काट लिए। गर्ग ने 31 अगस्त 2016 को इस बारे में बैंक और बैंक के अन्य अधिकारियों को ईमेल के जरिए सूचित भी किया था। गर्ग ने अधिकारियों से संपर्क कर काटी गई राशि को उनके अकाउंट में रिफंड करने के लिए कहा। लेकिन बैंक और इंश्योरेंस कंपनी ने उनकी एक न सुनी।
कंज्यूमर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बैंक की संबंधित शाका और आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता को 2 लाख रुपये 12 प्रतिशत सालाना ब्याज के हिसाब से वापस लौटाने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा बैंक और इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता को 50 हजार हर्जाना और 10 हजार रुपये मुकदमा राशि के रूप में देने के भी आदेश दिए।