बिना मंजूरी न लगाएं बैनर और होर्डिंग, देना पड़ सकता है भारी जुर्माना
बैनर व होर्डिंग के मामले में अगर 30 दिन के भीतर जुर्माना अदा नहीं किया जाता है, तो डिफाल्टर के पानी के बिल में ब्याज समेत जुर्माना लगाकर भेजा जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। शहर में बिना मंजूरी के बैनर और होर्डिंग लगाना आपकाे महंगा पड़ सकता है और इसके लिए जेब भी ढीली करनी पड़ सकती है। नगर निगम की सदन की बैठक में अवैध विज्ञापन बोर्ड पर प्रशासनिक जुर्माना लगाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इस प्रस्ताव में यह भी शामिल किया जा रहा है कि अगर 30 दिन के भीतर जुर्माना अदा नहीं करता है, तो डिफाल्टर के पानी के बिल में ब्याज समेत जुर्माना लगाकर भेजा जाए। नगर निगम ने विज्ञापन के होर्डिंग बोर्ड लगाने का 400 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मालूम हो कि अभी तक शहर में कोई राजनीतिक दल इस तरह के शहर में बिना मंजूरी के होर्डिंग लगाता था, तो नगर निगम उनके बोर्ड तो जब्त कर लेती थी, लेकिन जुर्माना नहीं लगा पाती थी। क्योंकि जुर्माने के रेट ही तय नहीं हुए थे। अभी डेढ़ माह पहले भाजपा के नेता राजेश कालिया ने भी बिना मंजूरी लिए भगवान वाल्मीकि जयंती पर भाजपा पार्टी के होर्डिंग और बैनर लगाए थे। पिछले साल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के शहर में आगमन पर भी पार्टी के झंडे और बैनर लगे थे।
चमकने वाले बोर्ड लगाने वाले भी नहीं बचेंगे
इसके अलावा जो चमकने वाले विज्ञापन बोर्ड लगेंगे, उनका जुर्माना 600 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से लगाया जाएगा। पिछले साल भाजपा ने शहर में तीन अलग-अलग बार इस तरह के बोर्ड लगाए थे। जबकि अगर कोई हॉट एयर बेलून पर विज्ञापन करता है, तो उस पर 500 रुपये स्क्वेयर फीट के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। वाहन पर विज्ञापन करने वालों पर 250 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
दीवार पर एलईडी स्क्रीन पर एक हजार प्रति स्क्वेयर जुर्माना
दीवार पर एलईडी स्क्रीन लगाकर विज्ञापन करने वालों पर एक हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। मालूम हो यह विज्ञापन चार्जेज पहली बार लगाए जा रहे हैं। पिछले दिनों यह जुर्माना चार्जेज लगाने का प्रस्ताव बनाने का फैसला वित्त सचिव अजोय कुमार सिन्हा के साथ हुई बैठक में हुआ था।