इंस्पेक्टर ने लिखा- डीजीपी साहब! एसएसपी ट्रैफिक ने मुझे 'गधा' कहा
चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर दिलशेर चंदेल ने पुलिस अफसरों के ग्रुप में सुनाई अपनी कहानी। लिखा- डीजीपी साहब एसएसपी ट्रैफिक ने मुझे गधा कहा।
जेएनएन, चंडीगढ़। यूटी पुलिस के इंस्पेक्टर दिलशेर चंदेल ने इस बार एसएसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी शशांक आनंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चंदेल ने एसएसपी शशांक आनंद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे डीएसपी व इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारियों के लिए 'गधे' जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
कई बार इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मियों से अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल कर चुके हैं, जो कि एक पुलिसकर्मी के लिए बेहद ही अपमानजनक है। चंडीगढ़ पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर उन्होंने एक मैसेज डालकर अपने वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में यह बात लाई। यह मैसेज चंडीगढ़ पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना रहा।
इंस्पेक्टर चंदेल की तरह ही जो पुलिसकर्मी एसएसपी शशांक के इस प्रकार के रवैया से पीड़ित थे, उन्होंने चंदेल द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की। जो पुलिसकर्मी अफसरों के आगे एक शब्द भी कहने से डरते हैं, वे चंदेल के इस मैसेज पर उनकी नौकरी जाने की बात कहते सुनाई पड़े।
यह लिखा मैसेज
इंस्पेक्टर चंदेल द्वारा भेजे गए मैसेज में लिखा कि 'सर मैं पूरी तरह तनावग्रस्त हो चुका हूं। क्योंकि हम पुलिस इंस्पेक्टर रोजाना 10 से 15 घंटे नौकरी करते हैं। मैंने चंडीगढ़ पुलिस विभाग में अपनी सर्विस के 30 साल पूरे कर लिए हैं। मैं 54 साल का हो चुका हूं, लेकिन आज तक मैंने इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हुए कभी किसी अफसर को नहीं सुना। डीजीपी साहब ने एक आर्डर जारी कर एक एसआइ और दो कांस्टेबल को ट्रैफिक यूनिट से नगर निगम में डेपुटेशन पर ट्रांसफर के आर्डर किए थे। जब मैंने उनके रीलीविंग के बारे में बात की तो उस पर एसएसपी शशांक आनंद ने हमारे लिए गधे शब्द का इस्तेमाल किया। एसएसपी शशांक ने कहा कि किस गधे डीएसपी व इंस्पेक्टर ने ये एप्लीकेशन फारवर्ड की है, जबकि ये आर्डर डीजीपी साहब ने खुद जारी किए थे।'
चंदेल ने आगे लिखा कि 30 साल उन्हें विभाग में नौकरी करते हो गए हैं। इस प्रकार के अफसर के रवैये और माहौल में चंदेल ने नौकरी करने से भी मना कर दिया। आखिर में अपने मैसेज में चंदेल ने अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को जय हिंद लिखकर अपनी बात डीजीपी के समक्ष रख डाली।
किसी को तो आवाज उठानी पड़ेगी : चंदेल
इंस्पेक्टर दिलशेर चंदेल से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग के अफसर जो भी कार्रवाई करेंगे, उन्हें मंजूर होगा। पर वह इस प्रकार के अपमानजनक शब्द रोज नहीं सुने जा सकते। किसी को तो आवाज उठानी पड़ेगी।
एसएसपी ने नहीं दिया जवाब
जब एसएसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी शशांक आनंद से इस बारे में फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई रिप्लाई नहीं दिया। देर शाम इंस्पेक्टर चंदेल का भी मोबाइल फोन स्विच ऑफ बताने लगा।
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