श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत, बाणी व मानवता की भलाई के लिए किए कार्यों की जानकारी दी
पंजाब कला परिषद ने प्रकाश पर्व को समर्पित वेबिनार का आयोजन किया। इस दौरान गुरु के जीवन से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी बात की।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब कला परिषद द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित राष्ट्रीय स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें गुरु की शहादत से जुड़े संदेश पर बात की गई। वेबिनार की अध्यक्षता पंजाब कला परिषद के चेयरमैन डॉक्टर सुरजीत पातर ने की। वेबिनार की शुरुआत करते हुए परिषद की सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर लखविंदर जोहल ने सभी विद्वानों को एक-दूसरे से रूबरू करवाया। इसके साथ ही गुरु के सामाज विकास से जुड़ी बातें की गई।
वेबिनार में वक्ता डॉ. अमरदीप कौर डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ ने गुरु साहिब की शहादत, उनकी बाणी, मनुष्यता को समझने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। उनके बाद गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से डॉ. बृजेंद्र सिंह ने कहा कि गुरु ने असल में श्री गुरु नानक देव जी के संदेश को आगे बढ़ाया है। रामगढ़िया कॉलेज फगवाड़ा के प्रोफेसर अवतार सिंह ने कहा कि नौवें गुरु ने अपनी बाणी में मनुष्य को जीने का तरीका सिखाया है।
डॉक्टर बलकार सिंह डायरेक्टर वर्ल्ड पंजाबी सेंटर पटियाला ने गुरु की शहादत के सिद्धांत पर बात की। वेबिनार के आखिर में डॉ. सुजीत पातर नेे कहा कि जो विचार हमें जान से प्यारा हो उसके लिए खुद को कुर्बान कर देना महानता होती है। डॉ. पातर ने गुरु के जीवन से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि गुरु के जीवन से हमें वर्तमान में अपनी समस्या हल करने से जुड़ी प्रेरणा मिलती है। हमें गुरुओं के जीवन से सीख लेनी चाहिए कि किस तरह से उन्होंने मानवता के लिए अपना बलिदान दिया।